भारतीय मूल की अमेरिकी साइंटिस्ट आरती प्रभाकर का जन्म नई दिल्ली में हुआ था। उन्होंने टेक्सास से पढ़ाई की है। प्रभाकर मैकेनेकिल इंजीनियरिंग के साथ फिजिक्स में पीएडी हैं।
अमेरिकी प्रशासन गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के साथ मिलकर AI पर काम कर रहा है। ताकि इसका उपयोग जनता की भलाई के लिए किया जा सके।
आरती प्रभाकर ने बताया कि हम जो काम कर रहे हैं, उसमें AI कंपनियों को जवाबदेह ठहराने का काम शामिल है। हम कानून के तहत कार्रवाई कर रहे हैं।
अमोरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की विज्ञान सलाहकार आरती प्रभाकर ने कहा कि एआई के लिए भारत और अमेरिका जैसे समान विचारधारा के देशों को मिलकर काम करना चाहिए।
आरती प्रभाकर ने कहा कि हमें एआई तकनीक के लिए विश्व स्तर पर भागीदारी की जरुरत है। क्योंकि यह ग्लोबल तकनीक है जिसमें हर कोई भागीदार है और प्रभावित है।
आरती प्रभाकर ने कहा कि पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस चर्चा का सबसे महत्वपूर्ण विषय रहा। हम भारत के साथ भागीदारी के इच्छुक हैं।
प्रभाकर ने कहा कि हमारे राष्ट्रपति जो बाइडेन से जितने भी ग्लोबल लीडर मिलते हैं, सबके दिमाग में एआई की बात होती है। पीएम मोदी ने भी इस विषय पर चर्चा की।
प्रभाकर ने कहा कि पीएम मोदी ने दौरे पर बार-बार AI की बात कही। उन्होंने मजाक के तौर पर AI का मतलब अमेरिका और इंडिया भी बताया, जिसकी खूब चर्चा रही।
आरती प्रभाकर ने कहा कि पीएम ने भले ही मजाक किया लेकिन उन्होंने इसकी गंभीरता भी समझी। AI को कैसे सुरक्षित इस्तेमाल किया जाए, यह बड़ा विषय है।