पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में करीब दो महीने से चल रहे आरक्षण विरोधी आंदोलन हिंसक हो चुका है। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद अभी भी वहां के हालात ज्यादा सुधरे नहीं है।
शेख हसीना के बांग्लादेश से जाने के बाद सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने कहा कि 'हम अंतरिम सरकार बनाएंगे। आंदोलन में जिनकी भी हत्या हुई है, उन्हें इंसाफ दिलाएंगे।'
शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद ने कहा कि अब उनकी मां राजनीति में नहीं आएंगी। अब वे रिटायर हो जाएंगी। उनकी मां निराश हैं कि देश के लिए इतना करने के बावजूद लोगों ने धोखा दिया।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का आदेस दिया है। 2018 में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में 17 साल की जेल हुई थी।
सोमवार को राजधानी ढाका में 4 लाख लोग सड़कों पर उतरे, जगह-जगह तोड़फोड़ भी की। बांग्लादेशी आर्मी ने देश की प्रमुख पार्टियों के नेताओं के साथ मीटिंग की और अंतरिम सरकार प्रस्तावित की।
माना जा रहा है कि शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद जनता का गुस्सा कम होगा। इस आंदोलन को भले ही छात्रों का बताया जा रहा है लेकिन इसके पीछे राजनीतिक स्थितियां भी हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है, बांग्लादेश की कट्टरपंथी जमात और विपक्षी दल आंदोलन को हवा देने में जुटे हैं। जब तक अंतरिम सरकार नहीं बनती, आरक्षण पर फैसला नहीं आता है, तब तक शांति नहीं होगी।