बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन उग्र होने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने इसकी जानकारी दी और कहा कि अब सेना सरकार बनाएगी।
ग्लोबल फायर पावर के अनुसार, बांग्लादेश की सेना दुनिया के 145 देशों में 37वीं सबसे ताकतवर सेना है। बांग्लादेशी सेना में करीब 175,000 सैनिक सक्रिय हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेशी सेना के पास 281 टैंक, 13,100 बख्तरबंद वाहन, 30 स्व-चालित तोपखाने, 370 टो-आर्टिलरी, 70 रॉकेट आर्टिलरी और नौसेना के करीब 30,000 सैनिक हैं।
दक्षिण एशिया में भारत और पाकिस्तान के बाद तीसरी सबसे ताकतवर सेना बांग्लादेश के पास ही है। उसका सालाना रक्षा बजट भी भारत-पाकिस्तान के बाद 3.8 बिलियन डॉलर का है।
बांग्लादेश की सशस्त्र बलों में तीन मुख्य शाखाएं हैं। सेना, वायुसेना और नौसेना। तीनों ही रक्षा मंत्रालय के तहत काम करते हैं। इनका कमांडर इन चीफ राष्ट्रपति होता है।
बांग्लादेशी सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान हैं। 23 जून, 2024 से इस पद पर हैं और 20 दिसंबर, 1985 को इन्फेंट्री कोर में कमीशन मिला था। उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री 3 साल के लिए करते हैं
बांग्लादेश में सैन्य सरकारें अक्सर ही रही हैं। 1975 में पहली बार सैन्य तख्तापलट हुआ और फिर 15 साल तक सेना ही शासन करती रही थी।
बांग्लादेशी सेना सरकार के किसी काम में दखल नहीं देती लेकिन 1971 में आजादी के बाद से सेना रह-रहकर तख्तापलट करती रहती है। कई बार सेना ने राजनीतिक संकटों में हस्तक्षेप भी किया है।