बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के चलते भड़की हिंसा के बाद शेख हसीना ने देश छोड़ दिया है। वहीं, हिंसक भीड़ ने राजधानी ढाका में जमकर उत्पात मचाया।
भीड़ ने सत्ताधारी अवामी लीग के कुछ नेताओं के साथ मारपीट की, वहीं पीएम हाउस में भी घुस गए। हिंसक लोगों ने बांग्लादेश बनाने वाले मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को भी हथौड़े मारकर तोड़ दिया।
बता दें कि शेख मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश का राष्ट्रपिता कहा जाता है। उन्होंने ही पूर्वी पाकिस्तान कहलाने वाले बांग्लादेश को 1971 में पाकिस्तान से अलग कर एक नया देश बनवाया था।
बांग्लादेश के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले मुजीबुर्रहमान शेख हसीना के पिता हैं। बांग्लादेश बनने के बाद वे पहले राष्ट्रपति बने थे। 1971 से 1975 तक वे बांग्लादेश के प्रधानमंत्री भी रहे।
बता दें कि बांग्लादेश बनने के कुछ साल बाद ही 15 अगस्त 1975 को सैनिक तख्तापलट के दौरान शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई थी।
पिता की हत्या के बाद शेख हसीना ने दिल्ली में शरण ली थी। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें शरण दी थी। वो 1975 से 1981 तक भारत में रहीं। बाद में बांग्लादेश लौटी थीं।
बता दें कि बांग्लादेश में पिछले 2 महीने से आरक्षण विरोधी आंदोलन को लेकर 4 लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर हैं। ये हिंसक भीड़ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही है।
बांग्लादेश में फैली हिंसा में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों घायल हैं। वहीं, बांग्लादेश के सेना प्रमुख का कहन है कि अब हम देश की सरकार चलाएंगे।