पाकिस्तान पर पिछले 5 दिनों में दोतरफा मार पड़ी है। एक तरफ जहां BLA ने लगातार हमले कर उसके कई सैनिकों की जान ले ली, वहीं बिगड़े हालात को देख चीन ने पाकिस्तान में निवेश रोक दिया है।
पाकिस्तानी सेना पर लगातार हो रहे हमलों के चलते चीन ने वहां के अशांत क्षेत्रों में इन्वेस्टमेंट पर रोक लगाने का फैसला किया है।
चीन को लगता है कि पाकिस्तानी सेना की CPEC प्रोजेक्ट को बचाने की क्षमता बेहद कमजोर है। जब सेना खुद को नहीं बचा पा रही तो चीनी लोगों को कैसे सुरक्षा देगी।
चीन का कहना है कि जब तक पाकिस्तान में हिंसा नहीं रुकती और BLA से खतरा कम नहीं होता, तब तक इन क्षेत्रों में कोई नया प्रोजेक्ट या इन्वेस्टमेंट नहीं किया जाएगा।
बता दें कि पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की सुरक्षा में 40,000 सैनिक लगा रखे हैं। बावजूद इसके बलूच लिबरेशन आर्मी समय-समय पर बड़े हमले कर रही है।
चीन अब पाकिस्तान पर बलूचिस्तान में मिलिट्री एक्शन का दबाव भी बना रहा है, क्योंकि उसके कर्मचारी और अफसर ही सबसे ज्यादा BLA के निशाने पर होते हैं।
लेकिन पाकिस्तान अच्छी तरह समझता है कि अगर उसने ज्यादा सख्त एक्शन लिया तो हालात बिगड़ जाएंगे। ऐसे में एक्सपर्ट का मानना है कि बलूचिस्तान में कोई बड़ा मिलिट्री ऑपरेशन नहीं होगा।
बता दें कि 16 मार्च को BLA ने पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला किया। इस दौरान विस्फोटकों से भरी गाड़ी सेना की बस में घुसा दी।
इस हमले में 7 सैनिकों के मारे जाने की बात कही जा रही है, जबकि BLA का दावा है कि उसने इस हमले में पाकिस्तानी सेना के 90 जवान मार दिए हैं।