चीन में रहस्यमयी निमोनिया बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। हालात खराब देख WHO ने अलर्ट जारी कर दिया है। चीन से इस बीमारी की पूरी जानकारी मांगी गई है। दुनिया में इसका डर फैल रहा है।
WHO डिसीज आउटब्रेक के अनुसार, पिछले 25 साल में चीन में कई ऐसे वायरस को जन्म हुआ है, जो महामारी बन गए हैं। यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन की बीमारी को लेकर अलर्ट रहता है।
कोरोना का ओरिजन चीन को ही माना गया। इससे दुनियाभर में लाखों जाने गई और चीन की बदनामी भी हुई। चीन के वुहान से कोरोना पैदा हुआ था। चीन पर सही जानकारी न देने का आरोप लगा।
2022 में चीन में जूनोटिक वायरस सामने आया। यह जानलेवा वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है। इसके लक्षण फ्लू की तरह हैं। इसे हेनिपावायरस या लांग्या वायरस कहा गया, जिसकी वैक्सीन नहीं
2019 में चीन में रहस्मयी निमोनिया आई। जनवरी में चीन ने WHO को इसकी जानकारी दी। लक्षणों में बुखार, सांस लेने दिक्कत, लंग्स इंफेक्शन था। हालांकि, इस बार निमोनिया ज्यादा खतरनाक है।
2016 में चीन में रिफ्ट वैली बुखार सामने आया। यह अफ्रीकन वायरस था लेकिन चीन में घातक बन गया। इसके लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, जोड़ों का दर्द और मांसपेशियों का दर्द था।
एवियन इंफ्लुएंजा बेल्जियम से शुरू हुआ लेकिन चीन में घातक स्ट्रेन मिला। चीन में पहली मौत भी हुई थी। समय-समय पर इसका कहर देखने को मिलता है। 2022 में गुआंग्शी में इसके केस सामने आए थे
1998 में चीन में एंटरोवायरस का कहर देखने को मिला। WHO रिपोर्ट के अनुसार, यह वायरस रीढ़ की हड्डी पर अटैक करता। कई लोगों की मौत हुई। बाद में ये महामारी बन गई थी।