कतर ने 8 भारतीयों को जासूसी के मामले में मौत की सजा सुनाई है। इनको पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था और जेल में अलग सेल में बंद किया गया था। इन्हें मौत की सजा सुना दी गई है
कतर के अधिकारियों और नई दिल्ली ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 8 लोगों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तार लोगों में नौसेना के पूर्व कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, सुगुनाकर पकाला, अमित नागपाल, संजीव गुप्ता, नवतेज सिंह गिल, बीरेंद्र कुमार वर्मा, सौरभ वशिष्ठ और रागेश शामिल हैं।
सभी पूर्व नौसेना अधिकारियों का भारतीय नौसेना में 20 वर्षों तक का विशिष्ट सेवा रिकॉर्ड रहा है। 2019 में कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया था।
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी पूर्णेंदु तिवारी को पुरस्कार मिलने पर दोहा स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कमांडर तिवारी को यह पुरस्कार विदेश में भारत की छवि बढ़ाने के लिए दिया गया है।
यह सभी 8 भारतीय एक निजी फर्म दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे। यह कतर के सशस्त्र बलों के लिए प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करती है।
दहरा ग्लोबल का स्वामित्व रॉयल ओमान वायु सेना के सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर खामिस अल-अजमी के पास है। अजमी को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया।
कतर में कोर्ट द्वारा 8 भारतीयों को मौत की सजा के ऐलान पर भारतीय विदेश मंत्राल ने कहा कि वे इस केस के डिटेल फैसले का इंतजार कर रहे हैं। सभी तरह के कानूनी विकल्प की तलाश कर रहे हैं।