हमास बंधकों का इस्तेमाल अपनी शर्ते मंगवाने के लिए करता है। इन बंधकों को लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं। हमास इन बंधकों को सुरंगों में छुपाकर रखता है। ये सुरंग गाजा में फैले हुए हैं।
हमास इजरायली और विदेशी बंधकों को घनी आबादी के बीच छुपाकर रखा है। यहां हमास के समर्थक रहते हैं और उन्हीं की निगरानी में इन्हें रखा जाता है। जिससे इन्हें ढूंढना मुश्किल हो जाता है।
हमास ने बंधकों के मजबूत टनल में रखे हुए है। ये इतने मजबूत हैं कि खतरनाक हथियार भी बेअसर हो जाते हैं। घनी आबादी होने के चलते इजराइल जमीनी ऑपरेशन नहीं कर पा रहा है।
गाजा पट्टी में दो रास्ते हैं। एक सड़क जिसे पूरी दुनिया देखती है। यहां से लोग आते-जाते हैं। दूसरा रास्ता जमीन के नीचे है, वह सीक्रेट रूट है। इस रूट का इस्तेमाल हमास आतंकी करते हैं।
हमास की सुरंगे सामान्यत: 30 मीटर तक गहरी बताई जाती हैं लेकिन कुछ सुरंगों की गहराई 70 मीटर तक है, जिसकी वजह से सैटेलाइट भी इनका सही तरह पता नहीं लगा पाती हैं।
इजरायली बमबारी से बचने हमास ने सुरंगों को मजबूत कंक्रीट से बनाया है। इजराइल गाजा में सिविलियल कंस्ट्रक्शन के लिए जो सामान देता है, उससे सुरंगें बनाई जाती है।
हमास बंधकों को टूल की तरह यूज करता है। युद्ध में उन्हें अपनी सुरक्षा ढाल बनाकर रखता है। साल 2006 में उसने ऐसा किया था, जिसके एवज में इजरायल ने 1027 फिलस्तीनी कैदियों को छोड़ा था।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ईंधन के बदले दोहरी नागरिकता वाले 50 बंधकों को रिहाई की मांग रखी है। ये भी कहा जा रहा कि हमास के पास 220 नहीं सिर्फ 30 बंधक हैं।