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ऐसी जगह जहां मिलजुल कर रहते हैं यहूदी-फिलिस्तीनी, नहीं रखते बैर

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यहूदी-फिलिस्तीनियों में नफरत

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच नफरत आज की नहीं बल्कि दशकों पुरानी है। इजराइल-हमास युद्ध इसी का नतीजा है। इजराइल पर हमले के बाद अब गाजा को इजराइली सेना निशाना बना रही है।

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इजराइल का गांव भाईचारे की मिसाल

इजराइल-हमास युद्ध के बीच इजराइल का एक गांव काफी चर्चा में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गांव में यहूदी और फिलिस्तीनी भाई-भाई की तरह रहते हैं। सुख-दुख सब बांटते हैं।

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यहां यहूदियों फिलिस्तीनियों में भाईचारा

रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल के यरूशलम और तेल अवीव के बीच एक गांव बसा है। जहां हजारों की संख्या में यहूदी और फलिस्तीनी रहते हैं। दोनों नफरत से दूर आपस में मिलजुल कर रहते हैं।

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इजराइल-फिलिस्तीन विवाद का असर नहीं

कहा जाता है कि इस गांव में यहूदी और फिलिस्तीनी समुदाय मिलजुल कर रहते हैं। इनके बीच नफरत नहीं है। दोनों देशों के बीच विवाद का इनके भाईचारे पर असर नहीं पड़ता है।

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किस गांव में मिलकर रहते हैं यहूदी-फिलिस्तीनी

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस गांव का नाम वाहल अल सलाम (Wahl Al Salam) है। जिसका हिंदी में मतलब शांति का मरूद्यान है।

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वाहल अल सलाम की आबादी

रिपोर्ट्स के अनुसार, इजराइल के इस गांव में कुल 70 से ज्यादा परिवार रहते हं। इनमें यहूदी और अरब के लोग शामिल हैं। गांव में उन्हीं को रहने की इजाजत है, जो दोनों तरफ शांति चाहते हैं।

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यहूदी-अरबी बच्चों के लिए स्कूल

कहा जाता है कि इस गांव में कोई भी एक-दूससे से भेदभाव नहीं करता है। गांव में बच्चों के लिए एक स्कूल भी है। इसमें यहूदी और अरबी दोनों समुदाय के बच्चे एक साथ पढ़ते हैं।

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कैसे बसा था यहूदी-फिलिस्तीनी गांव

शुरुआत में इस गांव में सिर्फ चार परिवार ही रहते थे। इसके बाद यहां लोग आते गए और आबादी बढ़ती गई। यहां के लोग इजरायल-फलिस्तीन में प्यार का पैगाम पहुंचाने का काम करते हैं।

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