मिडिल-ईस्ट में इजरायल-हमास के बीच युद्धविराम हो गया है। बुधवार को हुई डील के तहत हमास 50 इजराइली बंधकों को छोड़ रहा और इजरायल 150 फीलिस्तीनियों को रिहा कर रहा है।
सीजफायर के बाद अब 300 ट्रकों को गाजा में एंट्री मिल सकेगी। जिसके जरिए वहां मानवीय सहायता पहुंचाई जा सकेगी। इस दौरान इजराइल की सैन्य कार्रवाई चार दिन तक बंद रहेगी।
युद्धविराम के बाद विशेषज्ञों को कई बात की चिंता सता रही है। यह एक अस्थाई विराम है ऐसे में बंधकों-कैदियों की अदला बदली के बाद कुछ भी हो सकता है। युद्ध की आग और भड़क सकती है।
फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और राहत सामग्री से गाजा के लोग खुश हैं। हालांकि, किन परिवार के सदस्यों की रिहाई की जाएगी, इसकी अभी तक जानकारी नहीं है।
हमास और ज्यादा बंधकों को छोड़ने और इजराइल युद्धविराम की अवधि बढ़ा सकता है। इजराइल का प्रस्ताव भी है कि 10 बंधकों के बदले एक दिन का युद्ध विराम मिल सकता है।
युद्धविराम के कूटनितिक प्रयास में इजरायल, हमास के अलावा अमेरिका और कतर की भूमिकाएं अहम होने वाली है। कतर की वजह से ही सीजफायर का समझौता हो सकता है।
इजराइल और अमेरिका युद्धविराम के पक्ष में नहीं थे। अमेरिका को तो यह पसंद भी नहीं था। दोनों बार-बार यही कह रहे थे कि अब हमास के खात्मे के बाद ही कुछ होगा।
आशंका है, इजराइली पीएम बेंजामिन नेतनयाहू पर युद्धविराम के बाद पहले जैसा दबाव नहीं होगा। उन्होंने कहा भी है कि बंधकों के आने के बाद भी युद्ध जारी रहेगा, जब तक हमास खत्म नहीं हो जाता
आशंका जताई जा रही है कि युद्धविराम के बाद इजरायल हमास पर और ज्यादा हमलावर हो सकता है और हमास भी इसका जवाब दे सकता है। जिसका सबसे ज्यादा असर गाजा में देखने को मिल सकता है।