ईरान वो देश है, जो धरती से यहूदियों को पूरी तरह मिटाना चाहता है। ईरान की सेना इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) गाजा युद्ध के बीच एक बार फिर चर्चा में है।
दरअसल, ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड इजरायल का वजूद खत्म करने की बात कह रही है। ईरान में ये IRGC को सेना के बराबर ही माना जाता है और ये इस्लाम को फैलाने की बात करती है।
ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड इजरायल को लेकर इतनी आक्रामक है कि वो किसी कीमत पर यहूदियों का वजूद नहीं चाहते। यही वजह है कि इसके लोग हमेशा इजराइल के खिलाफ रहते हैं।
इस्लामी चरमपंथ के एक्सपर्ट कासरा आराबी के मुताबिक, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के लोगों के दिमाग में ईसाइयों और यहूदियों के लिए गहरी नफरत है।
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड की विचारधारा किसी भी सूरत में यहूदियों को पूरी दुनिया से खत्म करना चाहती है। यही वजह है कि जो भी इजराइल से लड़ता है, वो उसका सपोर्ट करते हैं।
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड जब लड़ाकों की भर्ती करता है, तभी से उनके दिमाग में इजराइल और ईसाइयत के खिलाफ जहर भर दिया जाता है। वे इजराइल के खात्मे की कसमें खाते हैं।
ट्रेनिंग के दौरान यहूदियों के अलावा ईसाइयों और पारसियों के खिलाफ जिहाद करने की बात लड़ाकों के दिमाग में भर कर उनका ब्रेनवॉश किया जाता है।
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड का मानना है कि यहूदी-ईसाई या तो इस्लाम अपना लें, वरना उन्हें जिंदा रहने का कोई हक नहीं। उनकी विचारधारा एक इमाम की धरती पर वापसी को लेकर फोकस है।
अराबी के मुताबिक, हमास ने 7 अक्टूबर को जो हमला किया वो ईरान की मदद के बिना संभव नहीं था। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड का मानना है इजराइल को समय-समय पर चोट देना जरूरी है।