हमास के इजरायल पर हमले के 9 दिन बाद ब्लादिमीर पुतिन ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतनयाहू से फोन पर बात की और हालात सुधारने को लेकर हर सहयोग का भरोसा दिया।
इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने हमले के 9 दिन बाद फोन उठाया, जबकि कुछ सालों में नेतनयाहू कई बार रूस जा चुके हैं। रूस ईरान की नजदीकियां इजरायल के लिए असहजता वाला है।
पश्चिम एशिया में युद्ध के हालात से रूस और ईरान को कुछ फायदा हुआ है। इस संकट से मध्य पूर्व का तेल का उत्पादन बढ़ेगा और फायदा रूस-ईरान को होगा, क्योंकि दोनों तेल उत्पादक देश हैं।
पश्चिम एशिया संकट में अमेरिका का मध्यपूर्व में दबदबा प्रभावित हुआ है, उसकी कई योजनाओं को झटका लगा है। अगर अमेरिका इजराइल पर ध्यान देगा तो यूक्रेन में हथियार सप्लाई प्रभावित होगी।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस संकट का फायदा रूस को होगा। हालांकि, अगर हिजबुल्लाह इसमें सीधे तौर पर शामिल हुए तो अमेरिका को पश्चिम एशिया में एंट्री मिल जाएगी और रूस-ईरान को झटका लगेगा।
यूक्रेन-इजरायल दुनिया में दो संकट चल रहे हैं। ध्रुवीकरण हुआ तो ब्लादिमीर पुतिन को नुकसान हो सकता है। अमेरिका के लिए भी यूक्रेन-इजरायल को युद्ध में एक साथ समर्थन देना आसान नहीं होगा
अभी की स्थिति से रूस को फायदा हो रहा है। अगर रूस किसी तरह बातचीत में कोई रचनात्मक भूमिका निभाता है तो काफी फायदा होगा। पुतिन भी मध्यस्थता की भूमिका आने की कोशिश कर रहे हैं।
पुतिन ने जंग को अमेरिकी नाकामी बताया है। वे नहीं चाहते युद्ध में ईरान आए। इजरायल से भी संबंध खत्म नहीं करना चाहते। क्योंकि हालात बिगड़ने पर रूसी राष्ट्रपति भी दबाव में आ सकते हैं।