इजरायल हमास का संघर्ष करीब तीन दशकों से चला आ रहा है। 2007 के बाद से तो यह लगातार चल रहा है। अपने स्थापना के बाद से ही इजराइल किसी न किसी दुश्मन से लड़ रहा है।
इजरायल चारों तरफ दुश्मनों से घिरा है। 2nd वर्ल्ड वॉर में यहूदियों पर हुए अत्याचारों से न्याय दिलाने उन्हें एक देश के लिए जमीन देना था। पश्चिम एशिया के देशों ने इसका विरोध किया था।
14 मई 1948 को ब्रिटेन कब्जे वाला फिलिस्तीन का कुछ इलाका देकर इजराइल बनाया गया। अगले ही दिन मिस्र, सीरिया, जॉर्डन और इराक ने मिलकर इजरायल पर हमला कर युद्ध की शुरुआत की।
अपनी स्थापना के अगले ही दिन अरब से युद्ध लड़ने वाले इजराइल के खिलाफ बाद में अरब के साथ यमन, मोरक्को, सऊदी अरब और सूडान भी युद्ध में शामिल हो गए थे।
1967 में इजरायल ने 6 दिनों तक सीरिया, जॉर्डन, ईराक और मिस्र से युद्ध किया और जीत हासिल की। उसी साल मिस्-जॉर्डन, फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन, सोवियत संघ से इजराइल की जंग हुई।
अरब ने यहूदियों का वजूद खत्म करने इजरायल से युद्ध किया लेकिन इजराइल हावी रहा। 1969 में मिस्र से सनाई युद्ध, द्वितीय अरब-इजरायल युद्ध, स्वेज संकट में मिस्र से इजराइल लड़ा।
1973 में हुआ यॉम किपूर युद्ध यानी अक्टूबर युद्ध या रमजान युद्ध में इजराइल अरब से चौथी बार लड़ा। इसमें इजराइल की जंग मिस्र, सीरिया,जॉर्डन,अल्जीरिया,इराक,मोरक्को, सऊदी अरब से हुई।
1978 में फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन से और 1982 से 1985 में लेबनान युद्ध में इजरायल ने सीरिया, पीएलओ, जमोउल, अमाल जैसे संगठनों के खिलाफ इजराइल का युद्ध हुआ था।
1985-1990 में हिजबुल्लाह, अमाल और जमोउल से, 1987 में फर्स्ट इंटिफेडा नाम के संघर्ष में पहली बार हमास से संघर्ष शुरू हुआ।
2000 से 2005 तक हमास और फिलिस्तीनी नेशनल अथॉरिटी के साथ इजराइल लड़ा। 2007 के बाद से इजरायल का पांच बार सैन्य संघर्ष हमास और फिलिस्तीन से हो चुका है।