रिपोर्ट के मुताबिक, इटली में पिछले तीन महीनों से एक भी बच्चे का जन्म नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इसे नेशनल इमरजेंसी बताया है। इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं।
एक इंग्लिश वेबसाइट के मुताबिक, इटली के लोगों का मानना है कि दुनिया रहने लायक नहीं है। उन्हें खुश होने की वजह नहीं मिल रही है। इसलिए नए जीवन को दुनिया में नहीं लाना चाहते हैं।
रॉयटर्स के अनुसार, नेशनल स्टैटिक्स ब्यूरो ISTAT के आंकड़े बताते हैं कि इटली में जनवरी-जून 2023 तक जन्में बच्चों की संख्या जनवरी-जून 2022 में पैदा बच्चों की संख्या से 3,500 कम हैं।
सरकारी रिपोर्ट्स के मुताबिक, इटली में 15 से 49 साल उम्र की महिलाओं की कमी है। इसका मतलब देश प्रजनन की उम्र वाली महिलाओं की कमी से जूझ रहा है।
इटली में जन्मदर में गिरावट और मृत्युदर के आंकड़े बढ़े हैं। साल 2021 की तुलना में साल 2023 में इस देश में जन्मदर में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले साल 2022 में हर 7 बच्चों के जन्म पर 12 लोगों की मौत दर्ज हुई थी। इसका मतलब सात लोग जन्म लेते हैं और 12 लोगों की इस देश में मौत हो रही थी।
इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने इस बेहद गंभीर मामले को नेशनल इमरजेंसी बताया है। उन्होंने अपने चुनावी अभियान में इसे मुख्य मुद्दा बनाया है। पिछले साल भी इसे जोर-शोर से उठाया गया था।