मिडिल-ईस्ट में शांति की सभी कोशिशें फेल होती दिख रही हैं। इजराइल-हमास के बीच सीजफायर को लेकर हुई बैठक में भी युद्धविराम का नतीजा सिफर निकला है।
दरअसल, हमास ने साफ कहा है कि सीजफायर समझौते के लिए उसे इजराइल द्वारा लगाई गई नई शर्तों पर आपत्ति है और वो इसे पूरी तरह खारिज करता है।
हमास का कहना है कि वो सिर्फ उस समझौते पर ही राजी है, जो 2 जुलाई को हुआ था। बता दें कि हमास की गिरफ्त में अब भी इजराइल के सैकड़ों बंधक हैं।
Hamas के पॉलिटिकल ब्यूरो के मेंबर अल-रिश्क के मुताबिक, हमास समझौते में परमानेंट सीजफायर, गाजा से इजराइली सैनिकों की वापसी और लोगों को अपने इलाकों में लौटने की आजादी चाहता है।
वहीं, इजराइल ने शांति समझौते के लिए नई शर्तें रखी हैं और जिन पर वो 2 जुलाई को सहमत था, उनसे पीछे हट गया है।
इजराइल की नई शर्तों में मिस्र के साथ लगने वाली गाजा की सीमा फिलाडेल्फी कॉरिडोर में इजरायली सैनिकों की तैनाती के अलावा राफा क्रॉसिंग को गैर-फिलिस्तीनी लोगों मैनेज करना शामिल है।
हमास ने सीजफायर को कोशिशों के नाकाम रहने के पीछे इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है। हमास का कहना है कि नेतन्याहू कतई गंभीर नहीं हैं और यही वजह है कि वो नई-नई मांग थोप रहे हैं।
वहीं, इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि भले कोई समझौता हो या न हो, लेकिन गाजा में हमास के खिलाफ जंग आगे भी जारी रहेगी।