सबसे पहले बात करते हैं फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास की। हमास को ईरान मदद कर रहा है और इजराइल में घुसते समय भी हमास आतंकियों ने कई आधुनिक हथियारों से हमले किए।
हमास के पास ईरान की मदद से पावरफुल ड्रोन हैं। इन ड्रोन को ऑपरेट करने की ट्रेनिंग भी हमास के आतंकियों को ईरान से ही मिली है।
हमास ने इजराइल पर एक साथ 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे। इतने रॉकेट हमास के पास कहां से आए। दरअसल, ईरान ने ही इजराइल को ये रॉकेट उपलब्ध कराए हैं।
हमास द्वारा इजराइल पर गिराए गए रॉकेट काफी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वाले थे, जो टारगेट के बेहद करीब गिर रहे थे। यहां तक की इन्हें भेद पाने में इजराइल का आयरन डोम भी फेल साबित हुआ।
इतना ही नहीं, हमास ने इजराइल में जल और थल से घुसने की कोशिश की। आतंकी हमलों को अंजाम देने वाली हमास की अल-कसम ब्रिगेड ने इजराइल में घुसकर लोगों की हत्या की।
इजराइल की बात करें तो उसकी खुफिया एजेंसी मोसद दुनिया की सबसे ताकतवर एजेंसी है। हालांकि, इस बार हमास के हमले में वो पूरी तरह नाकाम रही है।
इजराइल के पास अमेरिका के सबसे मॉर्डर्न F-35 एयरक्रॉफ्ट हैं। इजराइली एयरफोर्स के पास 684 एयरक्राफ्ट हैं। इनमें से 480 हमेशा हमले के लिए तैनात रहते हैं।
इजराइल के पास 2200 टैंक्स हैं। इनमें 1750 हमेशा युद्ध के लिए तैनात रहते हैं। इसके साथ ही 650 सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी है, जिनमें से 520 बॉर्डर पर तैनात रहती हैं।
इजराइल की नौसेना के पास कुल 67 जहाज हैं। इनमें 7 कार्वेट्स, 8 मिसाइल बोट्स, 5 सबमरीन, 45 पेट्रोल बोट्स और 2 सपोर्ट शिप हैं।
इजरायल के पास 500 से ज्यादा मर्कवा-5 टैंक हैं। इसके अलावा इजरायल के पास ऐसे बम हैं, जो किसी भी टारगेट पर दुश्मनों का खात्मा करने में सक्षम हैं।
इजराइल के पास दुनिया का सबसे बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम 'आयरन डोम' है। हालांकि, हमास द्वारा एक साथ दागे गए 5000 से ज्यादा रॉकेटों को ये उतनी सटीकता से नहीं रोक पाया।
आयरन डोम में लगे रॉकेट्स 90 किलो वजनी होते हैं। ये दुश्मन के रॉकेट पर 2716 KM प्रतिघंटा की रफ्तार से वार करते हुए उसे हवा में ही मार गिराते हैं।