हमास चीफ इस्माइल हानिया को ईरान में उसके घर में ही उड़ा दिया गया। इस हत्या के बाद पूरी दुनिया का शक इजराइल की खुफिया एजेंसी Mosad की तरफ जा रहा है।
हालांकि, अभी किसी ने भी हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद जिस तरह सीक्रेट मिशन को अंजाम देती है, उससे पूरा शक उसी पर है।
दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में शुमार मोसाद की हिट स्क्वाड Kidon ने ईरान में घुसकर अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन की बहू मरियम को ढेर कर दिया था।
मरियम ओसामा बिन लादेन की बहू थी और विधवा होने के बाद अपने पिता अबू मोहम्मद से अलकायदा को चलाने और हमलों की साजिश रचने की ट्रेनिंग ले रही थी।
इजरायल और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने ईरान में छिपे अबू मोहम्मद और उसकी बेटी मरियम की जानकारी इकट्ठा की। इसके बाद मोसाद के हिट दस्ते ने अगस्त 2020 में अबू और मरियम को मार गिराया।
7 अगस्त को अबू बेटी के साथ कहीं जा रहा था। तभी 2 बंदूकधारियों ने उसकी कार रुकवाई और दोनों को गोलियों से भून दिया। इस मिशन में मोसाद के कमांडो ने साइलेंसर गन का इस्तेमाल किया।
मोसाद के पास 7 हजार से ज्यादा ऑफिसर और एजेंट्स की टीम है। फिलहाल मोसाद के चीफ डेविड बार्निया हैं, जो 2021 में योसी कोहेन की जगह एजेंसी के प्रमुख बने।
मोसाद की कई विंग हैं। इसके इंटर्नल स्ट्रक्चर की जानकारी दुनिया को नहीं है। इसका खुफिया नेटवर्क फिलिस्तीन के आतंकी गुटों के अलावा लेबनान, सीरिया और ईरान जैसे देशों में भी फैला है।
मोसाद में कई विभाग हैं, जिनमें स्पेशल ऑपरेशन डिवीज, रिसर्च एंड डेली रिपोर्ट एनालिसिस, पॉलिटिकल एक्शन एंड कॉन्टैक्ट विभाग और मनोवैज्ञानिक युद्ध के लिए भी अलग से एक डिपार्टमेंट है।
मोसाद अमेरिका की CIA के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी मानी जाती है। इसका सालाना बजट करीब 3 अरब डॉलर है। मोसाद का गठन 13 नवंबर 1949 को हुआ था।