2 मुस्लिम देशों ईरान और तुर्किये ने इजराइल पर हमला करने की धमकी दी है। तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि हम पहले भी लीबिया और नागोर्नो-कारबाख में ऐसा कर चुके हैं।
वहीं, ईरान ने भी इजराइल को धमकाते हुए कहा है कि अगर वो लेबनान में हिजबुल्ला के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करता है तो हम उसे नेस्तनाबूत कर देंगे।
इजराइल ने भी धमकी के बाद उन्हें करारा जवाब दिया है। इजराइल के विदेश मंत्री ने कहा है कि एर्दोगन सद्दाम हुसैन के रास्ते पर चल रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए उसका खात्मा कैसे हुआ था।
वहीं, इजराइल में विपक्षी नेता यायर लैपिड ने भी एर्दोगन की आलोचना करते हुए कहा- हम उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। वे खुद पूरे मिडिल ईस्ट के लिए एक खतरा हैं।
तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने जिस नागोर्नो-कारबाख का जिक्र किया उस पर अभी अजरबैजान का कब्जा है। ये इलाका लंबे समय से आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विवाद की वजह बना हुआ है।
तुर्किये, नागोर्नो-कारबाख मुद्दे पर अजरबैजान को मिलिट्री सपोर्ट देता है। 2020 में हुई जंग में तुर्किये ने आर्मेनिया में लड़ने के लिए सैकड़ों भाड़े के सीरियाई लड़ाके भेजे थे।
वहीं, बीते शनिवार को लेबनान समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के हमले में इजराइल के 12 लोग मारे गए। हिजबुल्ला ने गोलन हाइट्स में एक फुटबॉल मैदान पर खेल रहे बच्चों पर हमला किया था।
हमले का जवाब देने के लिए नेतन्याहू ने रविवार को वॉर कैबिनेट की बैठक की। नेतन्याहू को इस हमले का जवाब देने के लिए फ्री हैंड मिला है। मतलब इजराइल कभी भी हिजबुल्ला को दहला सकता है।