भारत में कई हिंदुवादी संगठन ये आरोप लगाते रहे हैं कि देश में मुसलमान तेजी से अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं। रिपोर्टस में दावा किया गया है कि बीते कुछ सालों में ये रफ्तार दुगुना हो गई है।
दुनिया में सिंगापुर, थाईलैंड जैसे कुछ देश ऐसे भी हैं जहां मुसलमानों की आबादी स्थिर है या इसमें कमी आ रही है ।
सिंगापुर विकसित कंट्री है, यहां बीते कुछ सालों में मुस्लिमों की आबादी घट रही है।
सिंगापुर में साल 1980 में मुस्लिमों की संख्या 16.2 फ़ीसदी थी, जो 2020 में घट के 15.6 फ़ीसदी रह गई।
सिंगापुर की आबादी की सोच बेहद प्रोग्रेसिव है। यहां के लोगों की मॉडर्न लाइफस्टाइल, रहने की दिक्कतें, महंगा शहर की वजह से लोग स्मॉल फैमिली प्लानिंग में ही यकीन रखते हैं।
सिंगापुर में लोग हायर एजुकेशन और करियर को इंर्पोटेंस देते हैं। मुस्लिम परिवार भी बच्चों को शादी से ज्यादा उनके करियर के लिए ज्यादा पजेसिव रहते हैं।
सिंगापुर सेक्युलर कंट्री है। लोग रिलीजन पर यकीन जरुर करते हैं, लेकिन धर्म के पीछे भागते नहीं हैं। कभी-कभी मुस्लिम कम्युनिटी भी धार्मिक नियमों से दूरी बनाए दिखते हैं।
सिंगापुर में मुस्लिम कम्युनिटी भी ईसाई या दूसरे समुदाय में शादी कर रहे हैं। इससे उनके बच्चों की पहचान में बदलाव आ रहा है।
मुस्लिम कंट्री के लोग कुछ साल तो यहां रहते हैं, लेकिन फैमिली और पैसा कमाने के बाद वे अपने देश लौट जाते हैं, जिसका असर जनसंख्या गणना पर पड़ता है।
सिंगापुर में मुस्लिमों की आबादी घट रही है । वहीं प्रवासियों की बढ़ती तादाद भी सिंगापुर में जनसंख्या का अनुपात पर असर डाल रहा है।