भारत से संबंध बिगाड़कर मालदीव ने अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारी है। इसका असर दिखने लगा है। मालदीव में भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या कम गई है।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार तनाव के चलते बीते तीन सप्ताह में भारत से मालदीव आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है।
मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा शेयर किए गए आंकड़े के अनुसार तनाव शुरू होने से पहले पर्यटकों के मामले में भारत टॉप पर था। अब 5वें स्थान पर है।
28 जनवरी तक भारत की बाजार हिस्सेदारी 8% है। चीन और यूके भारत से आगे बढ़कर क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं।
जनवरी के पहले सप्ताह में पीएम नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा की थी। इसके बाद मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारत के लोगों के खिलाफ अपमानजनक बातें की थी।
मंत्रियों की अपमानजनक बातों से भारत और मालदीव के बीच सोशल मीडिया पर तनाव बढ़ गया था। लोगों ने मालदीव का बाइकॉट करने का आह्वान किया था।
पहले भारतीय मालदीव के पर्यटन बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। 2023 में कुल पर्यटकों का लगभग 11% हिस्सा भारत से आए पर्यटकों का था।
मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2024 में (28 जनवरी तक) कुल 174,400 पर्यटक आए। इनमें से 13,989 भारतीय थे। भारत 8% बाजार हिस्सेदारी के साथ पांचवें स्थान पर है।
जनवरी 2024 में मालदीव में सबसे अधिक पर्यटक भेजने वाले शीर्ष चार देश रूस (18,561), इटली (18,111), चीन (16,529) और यूके (14,588) हैं।
दिसंबर 2023 में मालदीव के पर्यटन बाजार में रूस 24.1% बाजार हिस्सेदारी के साथ टॉप पर रहा, जबकि भारत 23.4% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
2023 में 2 लाख से अधिक यात्रियों के साथ पर्यटकों का सबसे बड़ा समूह भारतीय थे। इसके बाद रूसी और चीनी थे। 2021 में भारत से 2.91 लाख और 2022 में 2.41 लाख से अधिक पर्यटक मालदीव गए थे।