गुरुवार 7 सितंबर को भारत सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की। जिसमें बताया गया कि 2018 के बाद दूसरे देश में अलग-अलग वजहों से 403 भारतीय छात्रों की मौत हुई है।
भारत सरकार की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, दुनिया के अलग-अलग देशों मे भारतीय छात्रों की मौत में सबसे ज्यादा मौतें कनाडा में हुई हैं।
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि 2018 के बाद से कनाडा में 91 छात्रों की मौत हुई है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कनाडा के बाद यूनाइटेड किंगडम में 48, रूस में 40, संयुक्त राज्य अमेरिका में 36 और ऑस्ट्रेलिया में 35 भारतीय स्टूडेंट्स की मौत हुई है।
सबसे ज्यादा भारतीय छात्रों की मौत के मामले में इन देशों के बाद यूक्रेन में 21, जर्मनी और साइप्रस में 14, इटली और फिलीपींस 10 स्टूडेंट्स की मौत हुई।
विदेश राज्य मंत्री ने बताया, 'विदेश में अपने छात्रों की सुरक्षा भारत सरकार के लिए पहली प्रॉयरिटी है। इसके लिए मिशन, पोस्ट के प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारी नियमित तौर पर बातचीत करते हैं'
विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि 'अधिकारी भारतीय छात्रों से बातचीत के अलावा कैंपस का लगातार दौरा करते हैं, वे हमेशा अलर्ट मोड पर रहते हैं और छात्रों की सुरक्षा पर नजर बनाए रखते हैं।'
विदेश राज्य मंत्री के बयान में बताया, दूसरे देशों में भारतीय छात्रों के साथ अप्रिय घटना होने पर तत्काल मेजबान देश के सामने मामाल उठाते हैं और उचित कार्रवाई की मांग करते हैं।
विदेश मंत्रायल की तरफ से बताया गया कि 'संकट में रहने वाले भारतीय छात्रों के लिए हरसंभव काउंसलर मदद की जाती है। इमरजेंसी मेडिकल हेल्प, भोजन, आवास की सुविधा भी इसमें शामिल है।'