हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद से ही ईरान (Iran), इजराइल (Israel) पर भड़का हुआ है। मंगलवार को ईरान ने इजराइल पर करीब 200 हाई स्पीड बैलिस्टिक मिसाइलें दाग दीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान की ज्यादातर मिसाइलों को इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही खत्म कर दिया। कुछ मिसाइलों के टुकड़े जमीन पर जरूर गिरे लेकिन इससे कुछ खास नुकसान नहीं हुआ
ईरानी मिसाइलों को रोकने के लिए इजरायल को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। उन्हें रोकने अपनी कीमती डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करना पड़ा। ईरान अप्रैल में भी सैकड़ों ड्रोन और मिसाइल दागी थीं।
ईरान से उड़ान भरने के बाद इजरायल तक पहुंचने में इमाद और गदर मिसाइल सिर्फ 12 मिनट लेती हैं, जिनकी रफ्तार 7,400 किमी प्रति घंटे की है।
ईरान ने इस बार इजराइल पर तेज हाइपरसोनिक फतह-2 दागी हैं, जिसकी अधिकतम स्पीड 16,000 किमी प्रति घंटे हैं, मतलब इन्हें पहुंचने में सिर्फ 5-6 मिनट का समय ही लगा होगा।
बैलिस्टिक मिसाइलें दागकर ईरान, इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने की कोशिश और आर्थिक नुकसान पहुंचाने का काम करता है, क्योंकि इजरायली डिफेंस सिस्टम की मिसाइलें महंगी हैं।
बैलिस्टिक मिसाइलों को अमेरिकी-इजरायली एरो-3 और एरो-2 डिफेंस सिस्टम रोकते हैं। इजरायली डिफेंस सिस्ट में सबसे फेमस आयरन डोम है, जिसका इस्तेमाल छोटी दूरी के हमले रोकने में होता है।
1 एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम लॉन्च की कीमत 35 लाख डॉलर मतलब करीब 29.35 करोड़ रुपए है। डेविड्स स्लिंग 1 बार में 10 लाख डॉलर की मिसाइल दागता है।
मतलब 100 मिसाइलें तबाह करने में इजराइल को करोड़ों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ता है, जबकि रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक ईरानी मिसाइल 10 लाख रुपए से भी कम आती है।