हमास चीफ इस्माइल हानिया की 31 जुलाई को तेहरान में हत्या कर दी गई। अपने घर आए मेहमान की मौत से ईरान बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है।
ईरान इस हत्या के लिए इजराइल को जिम्मेदार मान रहा है। उसका कहना है कि इस दुस्साहस के लिए यहूदी सरकार को सजा जरूर मिलेगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान 5 अगस्त को इजराइल पर हमला बोल सकता है। ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई पहले ही सेना को हमला करने की खुली छूट दे चुके हैं।
ऐसे में इजराइल की मदद के लिए अब अमेरिका ढाल बनकर सामने आया है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड फोर्स के चीफ जनरल माइकल कुरेला इजराइल की राजधानी तेल अवीव पहुंच चुके हैं।
ईरान से हमले के खतरे को देखते हुए अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने हथियारों की तैनाती भी बढ़ा दी है। अमेरिका पहले ही कह चुका है कि ईरान से हमले की स्थिति में वो इजराइल की मदद करेगा।
अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने इजराइल की मदद के लिए एयरक्राफ्ट कैरियर्स के अलावा नए फाइटर जेट्स और डेस्ट्रॉयर्स भी भेजे हैं।
इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से ही जो बाइडेन इजराइल से नाराज हैं। बाइडेन ने हानिया की हत्या की टाइमिंग पर सवाल करते हुए कहा कि इससे सीजफायर की कोशिशों को झटका लगा है।
हमास की ओर से इस्माइल हानिया ही वो शख्स था, जो इजराइल के साथ सीजफायर के मुद्दे को आगे बढ़ा रहा था। ऐसे में उसकी हत्या के बाद अब संघर्षविराम समझौता भी खटाई में पड़ता दिख रहा है।