हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद इजराइल-ईरान में तनाव बढ़ गया है। दावा किया जा रहा है कि ईरान इस हत्या का बदला ले सकता है। वह इजराइल पर सीधे हमला कर सकता है।
कहा जा रहा है कि अगर ईरान, इजराइल के खिलाफ युद्ध छेड़ता है तो उसे लेबनान में हिजबुल्लाह, सीरिया और इराक के मिलिशिया के साथ यमन में हूतीका साथ मिल सकता है।
वायनेट न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इराक, ईरान या यमन से इजरायल पर हमले के लिए उसकी मिसाइल और ड्रोन को कई देशों को पार करना पड़ेगा। इसमें जॉर्डन जैसे देशों का रोल बढ़ जाएगा।
जॉर्डन अप्रैलमें ईरान से युद्ध में इजराइल का साथ दे चुका है। जिसके लिए उसे आलोचना भी झेलनी पड़ी थी।बाद में उसने साफ किया कि उनका देश अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की इजाजत नहीं देगा
जॉर्डन विदेश मंत्री अयमान सफादी ने हाल ही कहा, 'अपनी सीमाओं पर सतर्क रहना है। किसी को जॉर्डन को युद्धक्षेत्र में बदलने की अनुमति नहीं है।' ऐसे में ईरान के लिए हमला आसान नहीं।
ईरान के लिए जॉर्डन ही नहीं अमेरिका भी चुनौती है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अप्रैल में ईरानी हमले को रोकने अमेरिकी नेतृत्व वाले वायु रक्षा गठबंधन की भागीदारी के बारें में खुलासा किया था।
वॉल स्ट्रीट जर्नल में बताया, कैसे अरब देशों ने ईरान की रडार डेटा पर खुफिया जानकारी दी। जॉर्डन ने अमेरिका व अन्य सहयोगी लड़ाकू विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र खोले और मिसाइलें रोकी
इजरायल का पड़ोसी मिस्र भी अपने हवाई क्षेत्र में घुसपैठ से अलर्ट है। सीमा पर यूनिट्स हाई अलर्ट पर हैं।हमले के अंदेशे से अमेरिका पश्चिम एशिया में लड़ाकू जेट भेजने की तैयारी कर रहा है