मंगलवार रात ईरान ने इजराइल पर 180-200 बैलिस्टिक मिसाइलें दाग दीं। इसमें से ज्यादातर को इजराइली डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया। IDF के अनुसार, हमले में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।
ईरान के अटैक के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा- ईरान को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ऐसे में सवाल उठ रहा कि अगर जंग भड़की तो कौन किसपर कितना भारी पड़ेगा।
ईरान और इजरायल दोनों को जंग में बड़ी आर्थिक क्षति हो सकती है। दोनों देश आर्थिक तौर से मजबूत हैं। ईरान के पास तेल के भंडार और इजरायल के पास तकनीक है। पैसा और ताकत यहीं से आते हैं।
वर्ल्ड बैंक के अनुसार, 2023 में इज़राइल की GDP 509.90 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, इस साल के आखिरी तक 535 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। ग्लोबल इकोनॉमी में हिस्सा 0.48% है।
इजरायल की जीडीपी में कृषि, कंस्ट्रक्शन, ट्रांसपोर्ट और यूटिलिटी का हिस्सा काफी अहम है।तकनीक, हथियारों, हीरे, ऑटिक्स, मेडिसीन, बायोटेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर साइंस से इजराइल खूब कमाता है
2024 में ईरान की GDP 388.84 बिलियन डॉलर है। ईरान की अर्थव्यवस्था और कमाने का सबसे बड़ा सोर्स तेल और प्राकृतिक गैस भंडार हैं। नेचुरल गैस में दुनिया में दूसरा,तेल में तीसरा स्थान है।
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के मुताबिक, इजरायली आर्मी दुनिया में 17वें नंबर और ईरान का 14वां स्थान है। मतलब बड़ी सेना होने के मामले में ईरान, इजराइल से आगे है।
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के मुताबिक, इजराइल में सेना, नौसेना और अर्धसैनिक बलों में 169,500 एक्टिव, 465,000 रिजर्व और 8,000 अर्धसैनिक बल हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरानी आर्म्ड फोर्सेस मिडिल ईस्ट में सबसे बड़ी है। इसमें करीब 580,000 एक्टिव और करीब 200,000 रिजर्व फोर्स है।