रूस की राजधानी मॉस्को में शुक्रवार को आतंकी हमला हुआ। क्रोकस कॉन्सर्ट हॉल गोलीबारी और बम तब फेंके गए, जब वहां ईसाईयों की एक सभा चल रही थी। इस हमले में 70 लोग मारे गए हैं।
रूस के मॉस्को में घातक हमला करने की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K) ने ली है। जो अब तक अफगानिस्तान में ही हमले करता रहा है। पहली बार रुस में अटैक किया है।
मॉस्को हमले को लेकर दावा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी इसको लेकर पहले ही चेतावनी दी थी कि आईएस के आतंकी रूस पर हमले की साजिश रच रहे है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ISIS-K ने हाल के कुछ सालों में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का विरोध किया है। यह संगठन करीब दो सालों से रूस और पुतिन की आलचना करता रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ISIS-K रूस को मुसलमानों पर अत्याचार की गतिविधियों में भागीदार के तौर पर देखता है। कई मध्य एशियाई उग्रवादी भी इसमें शामिल हैं, जो मॉस्कों के खिलाफ रहते हैं।
ISIS-खोरासान का नाम उत्तरपूर्वी ईरान, दक्षिणी तुर्कमेनिस्तान और उत्तरी अफगानिस्तान में आने वाले क्षेत्र पर है। शुरुआत में खोरासान लड़ाके आतंकी संगठन अल-कायदा के सर्पोटिंग यूनिट थे।
2014 यह संगठन पूर्वी अफगानिस्तान में काफी सक्रिय हो गया। बेरहमी और क्रूरता के लिए जाने जाते हैं। ISIS करीब 20 मॉड्यूल हैं। इनमें सबसे खतरनाक ISIS-K ही माना जाता है।