वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का कहना है कि जमीनी स्तर पर गाजा के हालात इस कदर हो गए हैं कि वहां के हालात बयां कर पाना भी काफी मुश्किल है।
WHO प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेबियस ने आगाह किया है कि गाजा पट्टी में अस्पतालों को जबरन खाली कराया गया तो सैकड़ों मरीजों की जान खतरे में आ सकती है।
टेड्रोस एडनोम घेबियस ने कहा, 'गाजा शहर और उत्तरी गाजा में 23 अस्पतालों को खाली करने का आदेश मिला है। ऐसा हुआ तो बड़ी संख्या में जान जाने का खतरा बढ़ सकता है।'
WHO चीफ का कहना है कि इस जंग में 10 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। गाजा में 8,500 से ज्यादा और इजरायल में 1,400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। जिसमें बच्चे-महिलाएं ज्यादा हैं
जिनेवा में एक प्रेस कॉफ्रेंस में टेड्रोस एडनोम घेबियस ने कहा, 'गाजा में जो हो रहा है, उसे बयां कर पाने के लिए शब्द नहीं है। 21 हजार से ज्यादा लोग घायल और 14 लाख लोग बेघर हो गए हैं।
WHO ने कहा कि बुधवार को रफाह क्रॉसिंग खुलने के बाद 46 लोगों को मिस्र के फील्ड अस्पताल में एडमिट कराया गया। गाजा में 54 मीट्रिक टन मेडिकल सहायता दी गई है, हालांकि, ये काफी नहीं।
टेड्रोस एडनोम घेबियस ने दर्दनाक हालात बयां करते हुए कहा, 'गाजा के अस्पताल में पैर रखने की जगह नहीं है। मुर्दाघर भी पटे पड़े हैं। शौचालय तक में जगह नहीं। बीमारियां फैसलने का डर है।
WHO प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेबियस ने कहा, 'गाजा में लाशों के बीच जिंदगी कट रही है। जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। डॉक्टर बिना एनेस्थीसिया ही सर्जरी कर रहे हैं।'