इजराइल डिफेंस फोर्स ने शनिवार को दावा किया कि उसके हमले में हसन नसरल्लाह मारा गया है।टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, IDF के बेरूत में हिजबुल्लाह हेडक्वार्टर पर हमले में उसकी मौत हुई।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हिजबुल्लाह चीफ का चयन गुप्त होता है। नए नेता की लेबनान-ईरान में इसके समर्थकों में स्वीकार्यता होनी चाहिए। इसमें नसरल्लाह के चचेरे भाई हाशेम सफीद्दीन का नाम है।
हिजबुल्लाह के राजनीतिक मामलों की देखरेख करने वाला सफीद्दीन एक मौलवी है। वह भी नसरल्लाह की ही तरह खुद को पैगंबर मोहम्मद के वंशज होने का संकेत देते हुए काली पगड़ी पहनता है।
इस्लाम में काले रंग का काफी महत्व है। ज्यादातर शिया धार्मिक विद्वान पगड़ी पहनता करते हैं। काली पगड़ी पहनने का मतलब है कि वह पैगंबर का वंशज हैं यानी उनकी वंशावली से आते हैं।
हिजबुल्लाह इजराइल से लड़ने के लिए एक लेबनान आधारिक संगठन है। 16 साल की उम्र में नसरल्लाह धार्मिक प्रवृत्ति वाला था। उसने अब्बास अल-मुसावी की नजरों में जगह बनाई और संगठन में आया।
32 साल का नसरल्लाह जब हिजबुल्लाह का चीफ बना, तब किसी को नहीं पता था कि वह संगठन को इतना ज्यादा शक्तिशाली औऱ खतरनाक संगठन बना देगा, जो बाद में इजराइल को परेशान कर सकता है।
1992 में हिजबुल्लाह चीफ बनने बाद नसरल्लाह प्रमुख चेहरा रहा। शिया इस्लामवादी जड़ों के बावजूद सभी संप्रदायों को साथ लेकर चलता, लेबनानी राजनीति के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण रखता।
रिपोर्ट्स के अनुसार, नसरल्लाह खुद रूढ़िवादी इस्लामवादी नेता नहीं मानता था। उसने कभी भी मुस्लिम महिलाओं के लिए इस्लामी बुर्का को बढ़ावा नहीं दिया था। चतुर राजनीतिक और सैन्य नेता था।