अल कायदा का गठन 1988 में ओसामा बिन लादेन ने अफगानिस्तान में किया था। इस संगठन के साथ पाक का रिश्ता कितना गहरा है यह इस बात से पता चलता है कि लादेन यहीं मारा गया।
लश्कर-ए-तैयबा का गठन 1980 के दशक के अंत में पाकिस्तान में हुआ था। इसका नेतृत्व हाफिज सईद के पास है। इस संगठन ने अपना नाम बदलकर जमात-उद-दावा रख लिया है।
जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना 2000 में कश्मीरी आतंकवादी नेता मसूद अजहर ने की थी। यह संगठन 2001 में भारतीय संसद पर हमले के अलावा कई अन्य हमलों के लिए जिम्मेदार है।
HUJI का गठन 1980 में सोवियत सेना से लड़ने के लिए अफगानिस्तान में किया गया था। 1989 के बाद इसने पाकिस्तान के कहने पर भारत में आतंकी हमले करना शुरू कर दिया।
हरकत उल-मुजाहिदीन POK और कुछ पाकिस्तानी शहरों से काम करता है। यह 1999 में एक भारतीय विमान के अपहरण के लिए जिम्मेदार था।
हिजबुल मुजाहिदीन का गठन 1989 में हुआ था। यह कश्मीर में सक्रिय सबसे बड़े और सबसे पुराने आतंकवादी समूहों में से एक है। इसे पाकिस्तान से पैसे मिलते हैं।
TTP का गठन 2007 में हुआ था। यह पाकिस्तान में सक्रिय सबसे घातक आतंकवादी समूह है। इसने सुरक्षा बलों पर कई बड़े हमले किए हैं। टीटीपी बड़े पैमाने पर पश्तून आतंकवादियों से बना है।
BLA आतंकवादियों का एक जातीय-आधारित अलगाववादी समूह है। इसने बलूचिस्तान में चीन के नागरिकों और उसकी परियोजनाओं को निशाना बनाया है।
जैश अल-अदल बलूच अलगाववादी समूह है। यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय है।
LEJ फाटा, पंजाब, बलूचिस्तान और कराची के साथ-साथ अफगानिस्तान में भी सक्रिय है। इसके अल कायदा और टीटीपी दोनों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं।