पिछले एक साल से ज्यादा समय से गाजा-पट्टी में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह नेताओं से जंग लड़ रहा इजराइल ने दोनों के सुरंगों में आतंकियों को मारने के लिए नई तकनीकी खोज ली है।
हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और उसके उत्तराधिकारी हाशिम सफीउद्दीन को इजराइल ने इसी तरह मारा है। इन्हें मारने के लिए बम-गोली का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
रिपोर्ट्स् के मुताबिक, सफीउद्दीन को इजराइल हवाई हमलों में सीधे नहीं मारा बल्कि जिस टनल में वह था, वहां बमबारी की। हिजबुल्लाह के 7 सदस्य तीन दिन जिंदा रहे फिर दम घुटने से मौत हुई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टनल में हिजबुल्लाह ने कृत्रिम ऑक्सीजन की व्यवस्था की है, ताकि जिंदा रह सकें। इजराइल ने हमले के बाद उनक पर नजर रखी, हिजबुल्लाह की टीम को वहां पहुंचने नहीं दिया
इजराइल ने हिजबुल्लाह चीफ को इसी तरह माना, उसका शरीर खोजने वाले पैरामेडिक्स में से एक ने बताया कि हसन की मौत दम घुटने से ही हुई, उसके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे।
इजराइल ने हिजबुल्लाह के कई नेताओं को दम घोंटकर ही मारा है, उन तक किसी तरह की मदद नहीं पहुंचने दी। हिजबुल्लाह के दक्षिणी मोर्चे के नेता अली कराकी को 23 सितंबर को इसी तरह मारा गया।
IDF ने 30 जुलाई को फौद शुक्र को भी मार गिराया, जो हिजबुल्लाह संस्थापक पीढ़ी और इसके सबसे प्रमुख सैन्य नेताओं में से एक था। वह नसरल्लाह का चचेरा भाई का और काफी उग्र था।