इजराइल-हमास जंग के बीच फिलिस्तीनी जब आटा लेने के लिए कतारों में खड़े थे, उसी वक्त इजराइल द्वारा किए गए हमले में 19 लोगों की मौत हो गई।
अमेरिकी मीडिया CNN की रिपोर्ट में ये दावा किया गया है। हालांकि, इजराइल ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि सैनिकों ने खाना लेने पहुंचे फिलिस्तीनियों पर कोई हमला नहीं किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा सिटी के अल-कुवैत एड पॉइंट पर भूख से तड़प रहे फिलिस्तीनी जब आटा लेने के लिए कतार में खड़े थे, तभी इजराइली सैनिकों ने मशीन गन से अंधाधुंध गोलियां बरसाईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली सेना के इस हमले में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से जख्मी है।
इससे पहले भी खबर आई थी कि इजराइली सेना ने राफा बॉर्डर के पास शरणार्थी शिविर पर हमला कर कई लोगों को मौत के घाट उतारा।
हालांकि, इजराइली सेना का साफ कहना है कि हमास के आतंकी अब भी शरणार्थी शिविरों और आम जनता के बीच छुपकर बैठे हैं।
इससे पहले 13 मार्च को इजराइली सेना ने गाजा के अल-नुसीरत कैंप के पास बने सहायता वितरण केंद्र पर एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें 21 लोग मारे गए थे।
इजराइली सेना का कहना है कि सैनिकों ने भीड़ पर इसलिए फायरिंग की क्योंकि उन्हें उससे खतरा महसूस हुआ। अल नाबुल्सी शहर में राहत सामग्री से भरे ट्रक को लोगों ने घेर लिया था।
इसी ट्रक के पास इजराइली सेना के टैंक और सैनिक खड़े थे। भीड़ तेजी से उनकी तरफ भी बढ़ने लगी। भीड़ को रोकने के लिए सैनिकों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिससे भगदड़ मच गई।
इजराइल का ये भी कहना है कि हमास के आतंकी लोगों के खाने-पीने का सामान चोरी कर रहे हैं। राहत सामग्री आम लोगों तक पहुंच ही नहीं पा रही है। इजराइल ने इसका एक वीडियो भी जारी किया था।