हमास के नेता दुनिया में कहीं भी छिप जाएं वे इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद से बच नहीं सकते। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने मोसाद को उनका पीछा करने और मार डालने का आदेश दिया है।
गाजा में चल रहा सैन्य अभियान खत्म होने के बाद मोसाद की कार्रवाई शुरू होगी। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार नेतन्याहू ने मोसाद को इस काम के लिए निर्देश दिया है।
60 साल का इस्माइल हनीयेह फिलिस्तीन का पूर्व प्रधानमंत्री है। उसे 2017 में हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख के रूप में चुना गया था। वह कतर और तुर्की में रहता है।
देइफ हमास की सैन्य शाखा एज्जदीन अल -कसम ब्रिगेड का प्रमुख है। वह इजराइल का दुश्मन नंबर एक है। इजरायली अधिकारियों ने कम से कम छह बार उनकी हत्या करने की कोशिश की है।
देइफ 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमास के हमले का मास्टर माइंड है। उसका वर्तमान ठिकाना अज्ञात है। इजरायल का मानना है कि वह गाजा पट्टी में हमास के लड़ाकों के साथ लड़ रहा है।
61 साल का याहया सिनवार एज्जदीन अल -कसम ब्रिगेड का पूर्व कमांडर है। उसे 2017 में गाजा में हमास का प्रमुख चुना गया था। उसने इजरायली जेलों में 23 साल बिताए हैं।
हमास द्वारा रिहा किए गए कुछ इजरायली बंधकों ने बताया है कि कैद के दौरान उसने सिनवार को देखा था। सिनवार ने उनसे बात की थी।
खालिद मशाल हमास पोलित ब्यूरो का संस्थापक सदस्य है। वह 2017 तक इसका अध्यक्ष था। उनका वर्तमान ठिकाना कतर में माना जाता है।
1997 में मोसाद ने खालिद मशाल को मारने की कोशिश की थी। जॉर्डन में मोसाद के एजेंटों ने उसके कान में जहर छिड़क दिया था। मोसाद की टीम को पकड़ लिया गया था।
जहर के असर से मशाल कोमा में चला गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के हस्तक्षेप के बाद तत्कालीन मोसाद प्रमुख डैनी याटोम को एंटोडोट के साथ अम्मान जाना पड़ा था।