जापान के इशिकावा प्रांत के नोटो में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया है। भूकंप के झटके राजधानी टोक्यो और कांटो क्षेत्र में भी महसूस किए गए।
जापानी सार्वजनिक प्रसारक NHK ने सुनामी का अलर्ट जारी होने के बाद 5 मीटर तक की समुद्री लहरों की आशंका से सभी को तटीय इलाकों से सुरक्षित या ऊंचे जगहों पर जाने को कहा गया है।
इशिकावा में वाजिमा शहर के तट पर 1 मीटर से ऊंची लहरें टकराईं है। करीब 4:35 बजे टोयामा प्रांत तक 80 सेमी की लहरें पहुंची। 40 मीटर लहरें 4:36 बजे काशीवाजाकी, निगाटा प्रांत तक पहुंची।
सुनामी जापानी शब्द तुस यानि बंदरगाह या तट और नामी यानि लहर से बना है। इसमें T साइलेंट है। सुनामी की रफ्तार जेट की रफ्तार से भी ज्यादा होती है।
सुनामी आने का सबसे बड़ा और प्रमुख कारण समुद्र के अंदर भूकंप आना, ज्वालामुखी फटना, धमाका होना या लैंडस्लाइड माना जाता है। इससे समुद्र तल में भारी हलचल पैदा होती है।
समुद्र में भूकंप या किसी वजह से हलचल होने पर पानी के कॉलम खिसकते हैं, वाइब्रेशन से 500 किमी/घंटे रफ्तार से लहरें पैदा होती हैं। लहरें तट की ओर कम स्पीड,बहुत ज्यादा ऊंचाई से आती हैं
दुनिया की 80% सुनामी प्रशांत महासागर के 'रिंग ऑफ फायर' जोन में आती हैं। यहां भूकंप-ज्वालामुखी काफी सक्रिय हैं। इसलिए इसके आसपास वाली जगहें सबसे ज्यादा सुनामी से प्रभावित होती हैं।
पानी के अंदर सुनामी की रफ्तार ऊपर की तुलना में बहुत ज्यादा होती है। पानी के सुनामी की स्पीड 800 किमी/घंटे तक हो सकती है। कभी-कभी एक दिन में ही सुनामी महासागर को पार कर जाती है।
जमीन या कम पानी में सुनामी की रफ्तार 23-45 किमी/घंटे तक होती है। सीधे मेगाथ्रस्ट का सामना करने वाले तटों पर इसकी आशंका ज्यादा होती है। इनमें चिली, फिलीपींस, जापान जैसे क्षेत्र हैं।