हमास और इजरायल के बीच लड़ाई चल रही है। इस बीच एक और खूंखार आतंकी संगठन इस जंग में कूदने को तैयार है। इसका नाम हिजबुल्लाह है। लेनबान का यह आतंकी संगठन भारी हथियारों से लैस है।
हिज्बुल्लाह को भी हमास की तरह ईरान से मदद मिलती है। लेनबान की सीमा इजरायल से लगती है, इसलिए हिज्बुल्लाह का खतरा अधिक गंभीर हो जाता है। इजरायल ने सीमा पर सैनिकों को भेजा है।
हिज्बुल्लाह के पास इजराइल में लगभग कहीं भी मार करने में सक्षम हजारों रॉकेट और मिसाइल हैं। इजरायल द्वारा इसे हमास की तुलना में कहीं अधिक खतरनाक दुश्मन के रूप में देखा जाता है।
इजराइल को चिंता है कि उत्तर में एक नया मोर्चा खोलने से युद्ध का रुख बदल सकता है। हिज्बुल्लाह की सैन्य क्षमता हमास से बेहतर है। जंग हिज्बुल्लाह और लेबनान के लिए भी विनाशकारी होगा।
इजराइल हिज्बुल्लाह की सटीक गाइडेड मिसाइलों को लेकर चिंतित है। माना जाता है कि इनका लक्ष्य प्राकृतिक गैस रिग और बिजली स्टेशनों जैसे रणनीतिक लक्ष्यों पर होता है।
हिज्बुल्लाह के पास करीब एक लाख लड़ाके हैं। इसके पास सीरिया में राष्ट्रपति बशर असद की सेना के साथ लड़ाई का अनुभव है। लगातार लड़ाई के चलते हिज्बुल्लाह के आतंकी अच्छी तरह ट्रेन्ड हैं।
रविवार को हिजबुल्लाह ने लेबनान और इजरायल की सीमा पर एक विवादित क्षेत्र में तीन इजरायली ठिकानों पर कई रॉकेट और गोले दागे। इसके जवाब में इजरायली सेना ने भी बमबारी की थी।
इजराइल का लेबनान व हिजबुल्लाह के साथ संघर्ष का इतिहास रहा है। 2006 में दोनों की भिड़ंत हुई थी। लेबनान में 1000 (ज्यादातर नागरिक) और इजरायल में 100 लोग(ज्यादातर सैनिक) मारे गए थे।