आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ाने में भिखारी भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर और बिजनेस कैपिटल कराची में ही 400000 से ज्यादा भिखारी हो गए हैं। इन भिखारियों की वजह से शहर में क्राइम भी काफी बढ़ गया है।
इन भिखारियों में सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि हर एक एज ग्रुप के भिखारी हैं। ये मार्केट, मेन रोड, ट्रैफिक सिग्नल, शॉपिंग मॉल, रेलवे स्टेशन और मस्जिदों के बाहर रहते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर साल रमजान के महीने में 4 लाख से ज्यादा पेशेवर भिखारी पैसा कमाने के लिए कराची आते हैं। इसकी वजह से शहर में क्राइम का रेट भी अचानक बढ़ जाता है।
मतलब इन भिखारियों में कई आदतन अपराधी होते हैं जो चोरी, लूट, राहजनी और मर्डर जैसे अपराधों में भी लिप्त हैं। कराची आने वाले ये अपराधी ज्यादातर सिंध और बलूचिस्तान से आते हैं।
कराची में रमजान के महीने में स्ट्रीट क्राइम की घटनाओं में 19 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा 2024 में अब तक लूट का विरोध करने पर 55 लोगों की हत्या कर दी गई।
कराची में रमजान के महीने में 6,780 आपराधिक वारदातें हुईं। इनमें 20 लोगों से उनकी गाड़ियां छीन ली गईं। वहीं 130 से ज्यादा वाहन चोरी हुए हैं।
कराची के अतिरिक्त महानिरीक्षक इमरान याकूब मिन्हास के मुताबिक, पाकिस्तान के भिखारी हज के नाम पर सऊदी अरब भी जाते हैं, जहां ये मक्का-मदीना जैसी पवित्र जगहों पर भी भीख मांगते हैं।