रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर कोरिया की यात्रा कर रहे हैं। रूस-यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई के चलते इस यात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है।
यूक्रेन के साथ लड़ाई के चलते रूस को हथियारों की जरूरत है। मिसाइल से लेकर तोप के गोले तक उत्तर कोरिया से रूस को कई तरह के हथियार मिल रहे हैं।
उत्तर कोरिया को सैन्य क्षमता के मामले में दुनिया में 36वें स्थान पर माना जाता है। कहा जाता है कि इसके पास परमाणु हथियार हैं।
उत्तर कोरिया के पास 13.20 लाख एक्टिव सैनिक हैं। इसके साथ ही 5.60 लाख रिजर्व सैनिक हैं। वायु सेना के जवानों की संख्या 1.10 है। वहीं, नौ सेना में 60 हजार जवान हैं।
उत्तर कोरिया की वायुसेना के पास 951 विमान हैं। इनमें से लड़ाकू विमानों की संख्या 440 है। 132 अटैक प्लेन हैं। इसके साथ 205 हेलीकॉप्टर हैं। वहीं, अटैक हेलीकॉप्टरों की संख्या 20 है।
उत्तर कोरिया के पास 5845 टैंक व 24,696 बख्तरबंद वाहन हैं। सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी 4500 और दूसरे वाहन से खींचे जाने वाले तोप 4500 हैं। इसके पास 2920 रॉकेट लॉन्चर हैं।
उत्तर कोरिया की नौसेना के पास 505 बोट हैं। इसके पास एक फ्रिगेट, 4 कॉर्बेट्स, 35 पनडुब्बी और 169 पेट्रोल वेसल्स हैं। इसके पास माइन बिछाने या हटाने के लिए एक पोत है।
मिसाइलों के मामले में उत्तर कोरिया की क्षमता अधिक है। इसके पास शॉर्ट, मेडियम, इंटरमीडिएट और इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलें हैं। इसके इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल के रेंज में अमेरिका है।
उत्तर कोरिया ने ह्वासोंग15 ICBM टेस्ट किया था। यह 4475 km ऊंचाई तक गया था। यह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भी अधिक ऊंचाई है। इसने समुद्र में गिरने से पहले लगभग 1000 km की उड़ान भरी।
विश्लेशकों का अनुमान है कि ह्वासोंग-15 का रेंज 13,000 किलोमीटर हो सकता है। यह परमाणु हथियार ले जा सकता है। यह अमेरिका में किसी भी जगह पहुंच सकता है।