World news
इजराइल-हमास जंग के बीच तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने हाल ही में एक चुनावी रैली के दौरान इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को अल्लाह के पास भेजने की बात कही।
तुर्किये के इस बयान से भड़के इजराइल ने सख्त एक्शन लेते हुए तत्काल प्रभाव से तुर्किये से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है।
साथ ही इजराइल ने एर्दोगन के बयान पर पलटवार करते हुए कहा- तुर्किये हमास के हत्यारों और रेपिस्टों का समर्थन करता है। उसे इस मामले में बोलने का कोई हक नहीं है।
वहीं, इजराइल के विदेश मंत्री ने तुर्किये को जवाब देते हुए कहा- कोई भी भगवान हत्यारे हमास के समर्थकों की नहीं सुनने वाला। तुम्हें शर्म आनी चाहिए।
वैसे, ये पहला मौका नहीं है जब एर्दोगन ने नेतन्याहू को लेकर बयानबाजी की है। इससे पहले उन्होंने नेतन्याहू को तानाशाह हिटलर और मुसोलिनी की तरह बताया था।
एर्दोगन ने नेतन्याहू को वॉर क्रिमिनल बताते हुए कहा था- इजराइल और हमास की जंग खत्म होने के बाद नेतन्याहू पर युद्ध अपराधी का केस चलना चाहिए।
इतना ही नहीं, एर्दोगन ने UN सिक्योरिटी काउंसिल के मेंबर देशों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका इस मामले में दोहरा रवैया अपना रहे हैं।
तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इजराइल पर हमला करने वाले फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास का बचाव किया। उन्होंने कहा कि हमास के लड़ाके आजादी की लड़ाई लड़ने वाले मुजाहिदीन हैं।
एर्दोगन के मुताबिक, हमास के लोग अपने नागरिकों और जमीन के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें आतंकी कहना गलत है।