अबू धाबी का पहला मंदिर 27 एकड़ में फैला है। इसकी ऊंचाई 108 फीट, चौड़ाई 180 फीट और लंबाई 262 फीट है।
50 हजार घन फीट इटैलियन मार्बल, 18 लाख घन फीट इंडियन सैंड स्टोन, 18 लाख पत्थर की ईंटें और 30 हजार मूर्तियां।
जमीन का दान- मुस्लिम, लीड आर्किटेक्ट- ईसाई, प्रोजेक्ट मैनेजर- सिख, स्ट्रक्चर इंजीनयर- बौद्ध, डायरेक्टर-जैन, कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्टर- पारसी, निर्माणकर्ता- हिंदू
5 अप्रैल 1997- BAPS आचार्य प्रमुख स्वामी महाराज ने मंदिर बनाने का संकल्प लिया। 10 फरवरी 2018- क्राउन प्रिंस ने जमीन दान दी। 20 अप्रैल 2019- मंदिर का शिलान्यास हुआ।
मंदिर के शिलान्यास के 5 साल बाद 14 फरवरी 2024 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने UAE की राजधानी अबू धाबी में बने पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया।
UAE 7 अमीरातों अबू धाबी, दुबई, अजमान, रास अल खैमा, शारजाह, उम्र अल क्वैन, पुजैराह से बना है। इसलिए मंदिर में 7 शिखर में सात देवी-देवता विराजमान हैं। मंदिर में 7 गर्भगृह बनाए गए हैं
राधा-कृष्ण, भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा, शिव-पार्वती और कार्तिकेय-गणेश जी, राम-सीता-लक्ष्मण-हनुमान, भगवान अयप्पा, तिरुपति बालाजी-मां पद्मा, स्वामी नारायण-गुणातितानंद स्वामी
हर मंदिर में विराजमान देवी-देवता की लीलाएं मंदिर के बाहर मूर्तियों से उकेरी गई हैं। जैसे- कृष्ण मंदिर के सामने महाभारत और उनकी लीलाएं, भगवान राम के मंदिर के बाहर रामायण से जुड़ी।
भारतीय परंपरा में पूजनीय गाय, हाथी, मोर और अरब देश के ऊंट, बकरी, बाज के अलावा खजूर, अनानास फलों को भी अबू धाबी के मंदिर की दीवारों पर जगह दी गई है।
अबुधाबी में बने मंदिर प्रांगण में एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है। जहां गंगा-यमुना का जल बह रहा है। इसे वाराणसी के घाट की तरह दिखाया गया है।
अबू धाबी हिंदू मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए वेलकम सेंटर, प्रार्थना कक्ष, सामुदायिक केंद्र, इमर्सिव ओरिएंटेशन एक्सपीरियंस, खूबसूरत गार्डेन, फूड कोर्ट और गिफ्ट शॉप है।