अमेरिका ऐसा परमाणु हथियार बना रहा है जो 1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 24 गुना अधिक शक्तिशाली होगा। नया बम 1960 में विकसित किए गए B61 ग्रेविटी बम का वेरिएंट है।
नए बम का नाम B61-13 है। US ने कहा कि इसका उद्देश्य कठिन व बड़े क्षेत्र के सैन्य लक्ष्यों के खिलाफ अतिरिक्त विकल्प देकर विरोधियों की रोकथाम और सहयोगियों के आश्वासन को मजबूत करना है।
रक्षा विभाग ने बताया कि B61-13 को आधुनिक विमानों से गिराया जा सकता है। यह मौजूदा परमाणु भंडार में से कुछ बी61-7 की जगह लेगा। इसकी क्षमता बी61-7 के समान और बी61-12 से अधिक है।
न्यूजवीक के अनुसार B61-13 के धमाके से 360 किलोटन TNT की ऊर्जा निकलेगी। इसे मास्को में गिराया जाए तो 3 लाख से अधिक लोग मारे जाएंगे। हिरोशिमा पर गिराया गया बम 15 किलोटन का था।
बम के विस्फोट स्थल के आधे मील के दायरे में जो कुछ भी होगा वह विशाल आग के गोले से भाप बनकर उड़ जाएगा। धमाके से इमारतें ध्वस्त हो जाएंगी। एक मील के भीतर कोई जिंदा नहीं बचेगा।
विस्फोट स्थल के दो मील के भीतर रहने वाले लोग रेडिएशन अधिक होने के चलते एक महीने के भीतर मर जाएंगे। जीवित बचे लोगों में से लगभग 15% बाद में कैंसर से मर जाएंगे।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि के रूस के हटने वाले कानून पर साइन किए हैं। रूस ने कहा कि वह तब तक टेस्ट नहीं करेगा जब तक US ऐसा नहीं करता है।
पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करने के बाद कई बार दुनिया को रूस की परमाणु ताकत की याद दिलाई है। उन्होंने कहा है कि सही दिमाग वाला कोई भी व्यक्ति रूस के खिलाफ परमाणु हमला नहीं करेगा।