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इजराइल से आखिर क्या चाहता है Hamas, जानें इस जंग के पीछे कौन?

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कब बना आतंकी संगठन Hamas?

हमास की स्थापना 1987 में मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड की एक ब्रांच के रूप में हुई, जिसे अहमद यासीन और अब्देल अजीज अल-रंतीसी ने बनाया।

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जानें क्या है हमास का पूरा नाम?

हमास (HAMAS) का पूरा नाम 'हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया है, जिसका मतलब है इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन।

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आखिर क्या है हमास का लक्ष्य?

हमास का लक्ष्य फिलिस्तीन को आजाद कराना और इज़राइल के वेस्टर्न बैंक्स और गाजा पट्टी तक फैले क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना है।

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इजराइल नहीं मानता हमास की मांगें

हालांकि, इजराइल हमास के इस मकसद में सबसे बड़ी बाधा है। इजराइल ने हमेशा ही हमास की मांगों को मानने से इनकार किया है।

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इजराइल को देश के तौर पर मान्यता नहीं देता Hamas

हमास और फिलिस्तीन दोनों ही इजराइल को एक देश के तौर पर मान्यता नहीं देते। हालांकि, हमास के ताजा हमले के बाद अब इजराइल उसके ठिकानों पर लगातार हवाई हमले कर रहा है।

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हमास के समर्थन में कई इस्लामिक देश

यहां तक कि इजराइल ने हमास प्रमुख के गाजा स्थित घर पर भी हमला किया है। बता दें कि हमास के समर्थन में कई इस्लामिक देश खड़े हुए हैं।

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हमास के इस हमले के पीछे ईरान

इजराइल पर हमास के हमले के पीछे ईरान का भी हाथ है। ईरान के आतंकी संगठन हिजबुल्ला ने हमास को खुलास समर्थन दिया है। हिजबुल्ला ईरान, सीरिया और लेबनान में एक इस्लामी संगठन है।

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ईरान ने हमले को बताया फिलिस्तीनियों के आत्मविश्वास का सबूत

हिजबुल्ला अमेरिका के साथ पश्चिमी देशों की नीतियों का विरोधी है। वहीं, ईरान ने हमास के हमले पर कहा कि ये कब्जाधारियों के सामने फिलिस्तीनी लोगों के आत्मविश्वास का सबूत है।

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हमास को मिला इन देशों का समर्थन

इजराइल पर हमास के हमले को सीरिया, यमन, ईरान और कतर जैसे देशों का समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा कतर, अरब लीग और जॉर्डन ने भी हमास का सपोर्ट किया है।

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