वाल्डिविया, चिली में आए इस भूकंप की तीव्रता 9.5 थी। इससे उठी सुनामी लहरों ने चिली समेत हवाई, जापान, फिलीपींस, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भारी तबाही मचाई थी।
अमेरिका के अलास्का में आए इस भूकंप की तीव्रता 9.3 थी। अलास्का में उस वक्त करीब 4 मिनट तक धरती हिली थी, जिससे अलास्का का नक्शा ही बदल गया था। इस भूकंप में हजारों मौतें हुई थीं।
श्रीलंका और भारत के राज्यों में आए इस भूकंप की तीव्रता 9.2 थी। इसके चलते समुद्र में सुनामी आई थी, जिससे श्रीलंका के कई शहर तबाह हो गए थे। भूकंप का केंद्र समुद्र की गहराई में था।
भूकंप के बाद आई सुनामी से लाखों मौतें हुई थीं। भूकंप की तीव्रता 9 थी। सुनामी की वजह से जापान के तटीय इलाकों में बनीं 3 लाख से ज्यादा इमारतें बह गई थीं, जिसमें लाखों लोग मारे गए थे।
चिली में आए इस भूकंप की तीव्रता 8.8 मापी गई थी। इससे चिली की करीब 80% आबादी प्रभावित हुई थी। इस भूकंप की वजह से चिली और उसके आसपास के पड़ोसी देशों में भी झटके महसूस किए गए थे।
सुमात्रा, इंडोनेशिया में आए इस भूकंप की तीव्रता 8.6 थी। भूकंप का केंद्र जमीन से काफी नीचे होने की वजह से तबाही वैसी नहीं हुई जिसकी आशंका जताई जा रही थी।
नेपाल में आए इस भूकंप की तीव्रता 8.1 थी। इसमें 9000 से लोग मारे गए थे, जबकि 23 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। भूकंप के झटके भारत, चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान तक महसूस किए गए थे।
इस भूकंप की तीव्रता 7.7 थी। इसने गुजरात में भयंकर तबाही मचाई थी। कच्छ और भुज में 30 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। वहीं डेढ़ लाख से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
पाकिस्तान के क्वेटा में आए इस भूकंप की तीव्रता 7.6 थी। इसकी वजह से 75 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 1 लाख लोग घायल हो गए थे। भूकंप से 3 लाख मकान जमींदोज हो गए थे।
इस भूकंप की तीव्रता 7 मापी गई थी। इसमें सबसे ज्यादा तबाही राजधानी पोर्ट ऑफ प्रिंस में हुई थी। इस भूकंप में एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।