Hindi

जानें क्या है इजरायल का Iron Dome, हमास के हमले में क्यों हुआ फेल

फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने 5000 से अधिक रॉकेट दागे, जिससे दुनिया से सबसे अच्छे एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम होने के बाद भी इजरायल को काफी नुकसान हुआ।

Hindi

हमास के 90% रॉकेट को आयरन डोम ने रोका

हमास द्वारा दागे गए 5000 से अधिक रॉकेट में से करीब 90% को आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में नष्ट कर दिया। इसके बाद भी जितने रॉकेट गिरे उसने काफी नुकसान पहुंचाया।

Image credits: Twitter
Hindi

क्या है इजरायल का आयरन डोम?

आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम है। इसे कम दूरी से आने वाले हवाई खतरे का सामना करने के लिए बनाया गया है। मिसाइल, रॉकेट यहां तक कि तोप के गोले को भी यह हवा में रोक देता है।

Image credits: Twitter
Hindi

हवाई खतरे को रोकता है आयरन डोम

आयरन डोम को घने आबादी वाले इलाके या अधिक सामरिक महत्व वाले क्षेत्र की रक्षा के लिए तैनात किया जाता है। यह हवाई खतरे को रोकने के लिए मिसाइल इस्तेमाल करता है।

Image credits: Twitter
Hindi

2011 में हुई थी आयरन डोम की पहली बैटरी तैनात

आयरन डोम की पहली बैटरी मार्च 2011 में गाजा पट्टी से 40 किलोमीटर दूर दक्षिणी शहर बीयरशेवा के पास तैनात की गई थी। इस शहर पर हमास द्वारा ग्रैड रॉकेटों से हमला किया जाता था।

Image credits: Twitter
Hindi

हर बैटरी में होता है रडार

आयरन डोम की हर बैटरी में खतरे को देखने के लिए रडार होता है। यह टारगेट का पता लगाता है और अपने मिसाइल को उसे नष्ट करने के लिए भेजता है।

Image credits: Twitter
Hindi

एक लॉन्चर में होते हैं 20 मिसाइल

हर बैटरी में एक रडार डिटेक्शन एंड ट्रैकिंग सिस्टम, तीन फायरिंग कंट्रोल सिस्टम और तीन लॉन्चर्स होते हैं। एक लॉन्चर में एक बार में 20 इंटरसेप्टर मिसाइल लगाए जाते हैं।

Image credits: Twitter
Hindi

4-70 km है रेंज

हर बैटरी का रेंज 4-70 किलोमीटर होता है। वाहन पर लगे होने से बैटरी को जरूरत की जगह पर तैनात किया जा सकता है।

Image credits: Twitter
Hindi

हमास ने आयरन डोम को दिया चकमा

हमास ने आयरन डोम को चकमा देने का तरीका खोज लिया है। उसने बेहद कम वक्त में एक ही जगह से बहुत से रॉकेट फायर किए। इससे आयरन डोम के लिए सभी टारगेट को रोकना मुश्किल हो गया।

Image credits: Twitter
Hindi

एक बैटरी में होते हैं तीन लॉन्चर

आयरन डोम की एक बैटरी में तीन लॉन्चर्स होते हैं जिसमें 20 मिसाइलें रहती है। इस तरह कुल मिसाइलों की संख्या 60 हुई। लॉन्चर खाली होने पर फिर से मिसाइलें लगानी होती है।

Image credits: Twitter
Hindi

कम पड़ीं इंटरसेप्टर मिसाइलें

अगर एक बार में 60 से अधिक टारगेट हुए तो इंटरसेप्टर मिसाइलें कम पड़ जाएंगी। हमास ने थोड़े से वक्त में 5000 से अधिक रॉकेट दागे, यही कारण है कि कुछ रॉकेट हवा में नष्ट नहीं हो सके।

Image Credits: Twitter