फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने 5000 से अधिक रॉकेट दागे, जिससे दुनिया से सबसे अच्छे एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम होने के बाद भी इजरायल को काफी नुकसान हुआ।
हमास द्वारा दागे गए 5000 से अधिक रॉकेट में से करीब 90% को आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में नष्ट कर दिया। इसके बाद भी जितने रॉकेट गिरे उसने काफी नुकसान पहुंचाया।
आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम है। इसे कम दूरी से आने वाले हवाई खतरे का सामना करने के लिए बनाया गया है। मिसाइल, रॉकेट यहां तक कि तोप के गोले को भी यह हवा में रोक देता है।
आयरन डोम को घने आबादी वाले इलाके या अधिक सामरिक महत्व वाले क्षेत्र की रक्षा के लिए तैनात किया जाता है। यह हवाई खतरे को रोकने के लिए मिसाइल इस्तेमाल करता है।
आयरन डोम की पहली बैटरी मार्च 2011 में गाजा पट्टी से 40 किलोमीटर दूर दक्षिणी शहर बीयरशेवा के पास तैनात की गई थी। इस शहर पर हमास द्वारा ग्रैड रॉकेटों से हमला किया जाता था।
आयरन डोम की हर बैटरी में खतरे को देखने के लिए रडार होता है। यह टारगेट का पता लगाता है और अपने मिसाइल को उसे नष्ट करने के लिए भेजता है।
हर बैटरी में एक रडार डिटेक्शन एंड ट्रैकिंग सिस्टम, तीन फायरिंग कंट्रोल सिस्टम और तीन लॉन्चर्स होते हैं। एक लॉन्चर में एक बार में 20 इंटरसेप्टर मिसाइल लगाए जाते हैं।
हर बैटरी का रेंज 4-70 किलोमीटर होता है। वाहन पर लगे होने से बैटरी को जरूरत की जगह पर तैनात किया जा सकता है।
हमास ने आयरन डोम को चकमा देने का तरीका खोज लिया है। उसने बेहद कम वक्त में एक ही जगह से बहुत से रॉकेट फायर किए। इससे आयरन डोम के लिए सभी टारगेट को रोकना मुश्किल हो गया।
आयरन डोम की एक बैटरी में तीन लॉन्चर्स होते हैं जिसमें 20 मिसाइलें रहती है। इस तरह कुल मिसाइलों की संख्या 60 हुई। लॉन्चर खाली होने पर फिर से मिसाइलें लगानी होती है।
अगर एक बार में 60 से अधिक टारगेट हुए तो इंटरसेप्टर मिसाइलें कम पड़ जाएंगी। हमास ने थोड़े से वक्त में 5000 से अधिक रॉकेट दागे, यही कारण है कि कुछ रॉकेट हवा में नष्ट नहीं हो सके।