G7 शिखर सम्मेलन इटली में 14 जून से शुरू होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में शामिल होंगे। इटली ने भारत को आउटरीच देश के रूप में भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया है।
G7 दुनिया की सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं का एक अनौपचारिक समूह है। इसकी स्थापना विश्व के आर्थिक और मौद्रिक मुद्दों पर चर्चा करने और उन पर कार्रवाई करने के लिए की गई थी।
कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूके, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन G-7 से सदस्य हैं। इसके शिखर सम्मेलन में अन्य देशों को भी आमंत्रित किया जाता है।
G7 का शिखर सम्मेलन वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने और फैसले लेने के लिए अहम प्लेटफॉर्म है। नरेंद्र मोदी इसके शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे ताकि भारत और ग्लोबल साउथ की आवाज उठा सकें।
पहले रूस भी समूह का हिस्सा था। तब इसे G8 के नाम से जाना जाता था। रूस को 2014 में समूह से अनिश्चित काल के लिए निकाला गया। रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद यह फैसला हुआ।
G7 का शिखर सम्मेलन हर साल होता है। समूह के सदस्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हैं, फैसला करते हैं कि आगे क्या करना है। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और विश्व अर्थव्यवस्था चर्चा होती है।
इस साल के जी7 शिखर सम्मेलन का एजेंडा रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष है। सम्मेलन इटली के अपुलिया क्षेत्र में स्थित आलीशान बोर्गो एग्नाजिया रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक होगा।