हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के फौरन बाद ईरान ने इजराइल पर हमले की धमकी दी थी। हालांकि, इस बात को 2 हफ्ते बीत चुके हैं।
ऐसे में हर किसी के मन में अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्या वजह है कि इजराइल को अंजाम भुगतने की धमकी देने वाला ईरान अब तक खामोश है।
ब्रिटिश टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के खिलाफ हमले को लेकर ईरान के राष्ट्रपति और सेना में असहमति है।
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान इजरायल के खिलाफ सीधा हमला करने से बचने की सलाह दे रहे हैं। उनका मानना है कि इससे ईरान मुसीबत में फंस सकता है।
वहीं, ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड के अफसरों का मानना है कि इजराइल की राजधानी तेल अवीव और दूसरे बड़े शहरों पर सीधा हमला करना चाहिए।
ऐसे में ईरान की सेना और राष्ट्रपति की असहमति के चलते वहां के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई भी असमंजस में हैं।
वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईरान अगर इजराइल पर सीधा हमला करता है तो उसे अमेरिका के गुस्से का सामना करना पड़ेगा, जो उसके लिए बुरा होगा।
इसके अलावा इजराइल से सीधे जंग लड़ने से ईरान की आर्थिक स्थिति भी खराब हो जाएगी। ऐसे में खामेनेई ईरान को सीधे-सीधे जंग की आग में झोंकने से बच रहे हैं।
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