गाजा में नरसंहार करने के आरोप में दक्षिण अफ्रीका ने इजराइल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में घसीटा है। इससे दक्षिण अफ्रीका ने अपनी अंतरराष्ट्रीय स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है।
दक्षिण अफ्रीका में चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले सत्ताधारी दल ने घरेलू समर्थन हासिल करने और फिलिस्तीनी मुद्दे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने का यह प्रयास किया है।
दक्षिण अफ्रीका (SA) ने ICJ में अपनी याचिका में इजराइल पर गाजा में नरसंहार का आरोप लगाया गया है और मांग की है कि गाजा में इजरायल के सैन्य हमले तुरंत रोके जाएं।
फिलिस्तीन के लिए दक्षिण अफ्रीका के समर्थन की जड़ें रंगभेद विरोधी संघर्ष से जुड़ी हैं। सत्ताधारी पार्टी अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) का फिलिस्तीनी मुद्दे के साथ पुराना संबंध है।
नेल्सन मंडेला ने SA की स्वतंत्रता व फिलिस्तीनियों की स्वतंत्रता के एक-दुसरे से जुड़े होने की बात करते हुए कहा था "फिलिस्तीनियों की स्वतंत्रता के बिना हमारी स्वतंत्रता अधूरी" होगी।
इजरायल ने दक्षिण अफ्रीका के आरोपों को खारिज किया है। इजरायली राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने कहा, "इस दावे से अधिक क्रूर और बेतुका कुछ भी नहीं है।"
हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था। इसके चलते इजरायल में 1300 लोग मारे गए। हमास ने करीब 240 लोगों को बंधक बनाया था।
हमास के हमले के जवाब में इजरायल ने युद्ध का ऐलान किया। हमास द्वारा कंट्रोल किए जा रहे गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजरायली हमले में 23,350 लोगों की मौत हुई है।