पाकिस्तान ने बिना किसी सामंजस्य के बेहद घातक परमाणु हथियार जुटा रखे हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के खराब आर्थिक और राजनीतिक हालात भी उस एक खतरनाक देश बनाते हैं।
पाकिस्तान के परमाणु जनक कादिर खान नीदरलैंड्स की फिजिकल डायनामिक्स रिसर्च लेबोरेटरी में काम करते थे। कादिर खान ने 1975 में यहां से न्यूक्लियर तकनीक चुरा ली।
पाकिस्तान ने अब्दुल कादिर की मदद से 1998 में परमाणु हथियार बनाए। कादिर ने परमाणु तकनीक दुनिया के दूसरे देशों को भी बेच दी। जिनमें ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया जैसे देश शामिल हैं।
पाकिस्तान में 30 साल से भी ज्यादा सैन्य तानाशाहों का शासन रहा। 4 सैन्य सरकारें बनीं और सत्ता का कंट्रोल जनरल अयूब खान, याहया खान, जनरल जिया-उल-हक और जनरल परवेज मुशर्रफ के पास रहा।
पाकिस्तानी सेना चाहती है कि हर एक मामले में सरकार उसकी सलाह से ही फैसले करे। यहां तक कि सेना से मतभेद रखने वाले नेता को वहां सत्ता से बेदखल करना बहुत आसान है।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI आतंकियों की फंडिंग से लेकर हर चीज का इंतजाम करती है। 2011 में जब एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन मारा गया, तो ISI पर सवाल उठे थे।
पाकिस्तान आतंकियों और आतंकी संगठनों के लिए ऐशगाह है। वहां लश्कर-ए-तोएबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन खुलेआम चल रहे हैं। दुनिया के तमाम आतंकी पाकिस्तान में शरण लेते हैं।
आतंकवाद के खिलाफ एक्शन न लेने की वजह से FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा है। पाकिस्तान पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बैन किए गए लोगों वाला तीसरा देश है।
2019 में पाकिस्तान के तत्कालीन PM इमरान खान से कबूल किया था कि उनके देश में 30 से 40 हजार आतंकी हैं। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में 40 से ज्यादा आतंकी संगठन एक्टिव हैं।
पाकिस्तान आतंकवाद के खात्मे के नाम पर अमेरिका से मोटी रकम लेता है, लेकिन वहीं, पलने वाले आतंकी अमेरिका 9/11 जैसी घटना को अंजाम देते हैं।