सार
बेंगलुरु में रहने वाले 24 साल के स्टूडेंट ने एक अनोखा बैग बनाया है। ये बैग ना सिर्फ बच्चों के कंधे के लिए हल्का और आरामदायक है बल्कि जैसे ही आप इसे कंधे से उतारेंगे ये डेस्क का भी काम करने लगेगा। इस आविष्कार के लिए स्टूडेंट की खासी चर्चा हो रही है।
हटके डेस्क: भारत में टैलेंट की कमी नहीं है। हर गली-मोहल्ले में आपको टैलेंट दिख जाएगा। अगर आप सड़कों पर निकलेंगे तो वहां आपको ऐसी कलाएं नजर आएंगी, जो अद्भुत होती हैं। इनमें से कुछ टैलेंट लोगों के सामने आ जाता है तो कुछ प्रतिभाएं छिपी रह जाती है। ऐसा ही एक टैलेंट बेंगलुरु से सामने आया, जिसकी अभी देश दुनिया में काफी चर्चा हो रही है।
बनाया अनोखा बैग
बेंगलुरु में रहने वाले 24 साल के हिमांशु मुनसेहवर देओरे की इन दिनों काफी चर्चा हो रही है। हिमांशु ने असल में एक ऐसा बैग बनाया है, जिसे आप डेस्क की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हिमांशु की कोशिश है कि ये बैग ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंचे। इस बैग को हिमांशु ने लोकल आर्टिस्ट के साथ मिलकर डिजाइन करवाया है।
घास से तैयार किया है बैग
इस बैग का वजन तीन किलो है। इसे हिमांशु ने यूपी में मिलने वाले ख़ास मूंज घास से तैयार किया है। इसे बनाने के लिए उसने बेंगलुरु से यूपी का सफर तय किया था। हिमांशु ने बेंगलुरु के NICC International College of Design से पढाई की है। उसने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में बताया कि वो बच्चों के लिए कुछ करना चाहता था। इसके लिए उसने एक ऐसी बैग बनाने की सोची जो हलकी हो और बच्चों के कंधे के लिए सही हो।
कैलकुलेट कर बनाया बैग
इसके बाद उसने पांचवीं तक के बच्चों की रिक्वायरमेंट के हिसाब से इस बैग को डिजाइन किया। ना सिर्फ इस बैग में आप तीन केजी तक का सामान रख सकते हैं बल्कि इसे उतारकर डेस्क में बदला जा सकता है। अब हिमांशु इसके डिजाइन को और भी अच्छा और बेहतर करने में जुट गए हैं।