सार
अमेरिका के न्यू जर्सी में एक ऐसी बच्चे ने जन्म लिया है, जिसकी खोपड़ी की जगह सिर्फ पतली-सी चमड़ी है। यह एक रेयर डिजीज है। डॉक्टर ने मां को पहले ही अबॉर्शन कराने को कहा था, पर वह नहीं मानी।
न्यू जर्सी। अमेरिका के न्यू जर्सी में एक ऐसे बच्चे ने जन्म लिया है, जिसकी खोपड़ी की जगह सिर्फ पतली-सी चमड़ी है। डॉक्टर ने पहले ही जांच के बाद मां को अबॉर्शन कराने को कहा था, लेकिन उसका दिल नहीं माना और उसने बच्चे को जन्म दिया। अब वह बच्चा 7 महीने का हो गया है। डॉक्टरों का कहना है कि वे बच्चे को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। बच्चे को एक्ससेनशेफली नाम की एक रेयर डिजीज है। इसमें दिमाग खोपड़ी के बाहर होता है। ऐसे मामले में सर्वाइवल के चांसेज बहुत कम होते हैं। डॉक्टरों ने इलाज कर लुकास सांता मारिया नाम के उस बच्चे को अब तक जिंदा रखा है। अब उसकी एक और सर्जरी होगी, जिसमें उसके दिमाग को स्कल के अंदर कर सुरक्षित करने की कोशिश की जाएगी। बता दें कि बच्चे के जन्म के 4 दिन बाद ही डॉक्टरों ने उसके ब्रेन की सर्जरी कर उसमें से फ्लूड्स को निकाल दिया था।
जिंदा रहने की संभावना थी बेहद कम
इस सर्जरी के बावजूद बच्चे के जिंदा रहने की संभावना बहुत कम थी। यहां तक कि बच्चे की मां सांता मारिया और उसके पति अगॉस्टो उसके जिंदा रहने की उम्मीद छोड़ चुके थे। वे इस हद तक निराश हो चुके थे कि उन्होंने उसके फ्यूनरल की तैयारियां भी शुरू कर दी थीं, लेकिन इसे चमत्कार ही कहेंगे कि कुछ ही दिनों के बाद बच्चा बिना किसी मेडिकल सहायता के खुद सांस लेने लगा और दूध पीने लगा। इससे उसके सर्वाइवल की उम्मीदें बढ़ीं।
क्या कहा मारिया ने
4 बच्चों की मां 31 साल की मारिया ने कहा कि प्रेग्नेंसी के दौरान पहले अल्ट्रासाउंड के बाद ही मुझे उसकी मेडिकल कंडीशन के बारे में बताया गया और अबॉर्शन कराने की सलाह दी गई, लेकिन मेरा दिल नहीं माना और मैंने बच्चे को जन्म देने का फैसला किया। अब वह सात महीने का हो गया है और इस दौरान लगातार उसका इलाज जारी है। डॉक्टर भी उसके सर्वाइवल को देखकर हैरत में हैं, क्योंकि ऐसे बच्चे जन्म के कुछ समय के बाद ही जीवित नहीं रह पाते। मारिया ने कहा कि अब सारी उम्मीदें उस सर्जरी से है, जिसमें उसके दिमाग को स्कल के अंदर डालने की कोशिश की जाएगी। अभी तो उसके दिमाग पर चमड़ी की एक पतली परत है।
बहुत ही रेयर बीमारी है यह
डॉक्टरों का कहना है कि एक्ससेनशेफली बहुत ही रेयर डिजीज है, लेकिन इसे भ्रूण में ही डिटेक्ट कर लिया जाता है और इसके बाद प्रेग्नेंट महिला को अबॉर्शन की सलाह दी जाती है। डॉक्टरों ने कहा कि एक रिसर्च के अनुसार, करीब 30 हजार प्रेग्नेंसी में एक ऐसा मामला मिलता है। इसमें ब्रेन की विकास नहीं हो पाता है। यह एक ऐसी असामान्यता है जो घातक साबित होती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने स्तर पर बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश की है और अभी तक बच्चा इस स्थिति में भी जिंदा है, इसलिए वे दूसरी सर्जरी करने जा रहे हैं। लेकिन इसके बाद क्या होगा, निश्चित रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता।