सार

6 दिसंबर को साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण शुरू हो गया है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं होगा, क्योंकि चन्द्रमा की छाया सूर्य का 97% भाग ढंकेगी। इस सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 3.30 घंटे रहेगी। ये ग्रहण सुबह 8.04 से आरंभ होगा, 9.30 बजे मध्य काल और सुबह 10.56 बजे ग्रहण खत्म होगा।

हटके डेस्क: सूर्य ग्रहण के दौरान आपने कई तरह की सावधानियां बरते जाने की सलाह सुनी होगी। इसमें एक सावधानी होती है ग्रहण को नंगी आंखों से ना देखना। कई लोगों को लगता है कि ये भी अन्य बातों की तरह सिर्फ अंधविश्वास है। लेकिन आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण को ना देखने के पीछे वैज्ञानिक कारण है। 

जब ट्रंप ने किया था ऐसा 
2017 के अगस्त महीने में लगे सूर्य ग्रहण के दौरान अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने नंगी आंखों से ग्रहण देख सनसनी फैला दी। अपनी पत्नी के साथ उस दौरान ट्रंप बालकनी में निकले और फिर सीधे चश्मा उतार सूरज की तरफ देखने लगे। इस दौरान किसी ने उन्हें भीड़ से ऐसा ना करने की हिदायत भी दी। उनकी इस हरकत ने उस दौरान काफी चर्चा बटोरी थी।  

आंखों पर पड़ता है बुरा असर 
विज्ञान के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान खतरनाक सोलर रेडिएशन निकलता है। कहते हैं कि यह सोलर रेडिएशन आंखों के नाजुक टिशू को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे आंखों में विजन-इशू आ सकता है। इसे रेटिनल सनबर्न के नाम से जाना जाता है। इससे देखने में दिक्कत आने लगती है। यह समस्या कुछ समय के लिए या फिर हमेशा के लिए भी हो सकती है। ऐसे में सूर्य ग्रहण के दौरान खास सावधानियां बरतने की बात कही जाती है। कहते हैं कि सूर्य ग्रहण का आंखों पर असर उसके प्रभाव क्षेत्र पर निर्भर करता है।

इस तरह देख सकते हैं सूर्य ग्रहण 
सूर्य ग्रहण को देखने के लिए वैज्ञानिक पिन होल का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। पिन होल को आसानी से ग्रामीण इलाकों में भी बनाया जा सकता है। इसके अलावा सूर्य ग्रहण देखने के लिए बाजार में कई सर्टिफाइड चश्में उपलब्ध हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान सर्टिफाइट चश्मों का इस्तेमाल भी खूब किया जाता है। इसके साथ ही सूर्य ग्रहण देखने के लिए पनहोल कैमरे भी बनाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि सूर्य ग्रहण के दौरान बाजार में इनकी मांग काफी बढ़ जाती है और खगोल विज्ञान में रुचि लेने वाले लोग ग्रहण को देखना मिस नहीं करते।