सार
आज से 108 साल पहले पहली बार 27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में राष्ट्रीय गान जन गण मन को सार्वजनिक मंच पर आवाज दी गई थी।
हटके डेस्क: भारतियों के लिए राष्ट्र गान का काफी महत्व है। जैसे ही इसके बोल कानों में पहुंचते हैं, हर भारतीय सम्मान में खड़ा हो जाता है। साथ ही उसके अंदर का लहू भी गर्म हो जाता है। भारतीयता का अहसास, देश के प्रति प्यार है इस राष्ट्रगान में। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे सबसे पहले आज से 108 साल पहले सार्वजनिक जगह पर गाया गया था।
इस मौके पर गूंजा था राष्ट्रगान
देश के राष्ट्रगान को नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर ने लिखा था। इसकी मूल रचना बंगाली में हुई थी। जिसे बाद में आबिद अली ने हिंदी और उर्दू में ट्रांसलेट किया था। 27 दिसंबर 1911 को कोलकाता में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में इसे गाया गया था। उस वक्त इसे रवीन्द्रनाथ टैगोर की भांजी सरला और उसके कुछ साथियों ने गाया था।
तब नहीं था राष्ट्रीय गान
जब इसे पहली बार गाया गया था, तब ये राष्ट्रीयगान नहीं था। 1947 में देश के आजाद होने के बाद हुई संविधान सभा के समापन में भी इसे गाया गया था। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खत के बाद इसे 24 जनवरी 1950 में औपचारिक रूप से राष्ट्रगान घोषित कर दिया गया।
अंग्रेजी में भी है राष्ट्रगान
राष्ट्रगान से जुड़ी ऐसी बातें हैं, जिसके बारे में काफी कम लोग जानते हैं। राष्ट्रीगान इंग्लिश में भी मौजूद है। ‘द मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया’ नाम से नेशनल एंथम का इंग्लिश वर्जन मौजूद है। इसके साथ ही नेशनल एंथम का छोटा वर्जन भी। जहां ओरिजनल राष्ट्रगान 52 सेकंड का है, वहीं इसका छोटा वर्जन 20 सेकंड का है।